आई लव यू
मोहब्बत का मतलब इंतज़ार नही होता,
हर किसी को देखना प्यार नही होता,
यू तो मिलता है रोज़ मोहब्बत-ऐ-पैगाम,
प्यार है जिंदगी जो हर बार नही होता…….! !!
खामोश रात की पहलु में सितारे ना होते,
इन रूखी आंखों में रंगीन नज़ारे ना होते ,
हम भी न करते परवाह
अगर आप इतने प्यारे न होते……
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है…
उसे पाना नही मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है…
उस अजनबी का यौन न इंतज़ार करो
इस आशिक दिल का न ऐतबार करो
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू
इतना कभी न किसी से प्यार करो
हर आहात एहसास हमारा दिलाएगी.,
हर हवा खुशबु हमारी लाएगी.;
हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा!
की हम न होंगे और हुम्हारी याद तुम्हे सताएगी..! !!
तम्मना-ऐ-इश्क तो हम भी रखते हैं,
किसी के दिल मे हम भी धड़कते हैं,
न जाने वह कब मिलेंगे
जिन के लिए हम रोज़ तड़पते हैं.
मैं लफ्जों से कुछ भी इजहार नही करता,
इसका मतलब ये नहीं के मैं तुझे प्यार नही करता
छठा हूँ tumhe आज भी पर तेरी सोच में अपना वक्त बेकार नही
करता,
तमाशा न बन जाए कहीं मोहोबत में मेरा इस्ल्ये अपने दर्द को बयां
नही करता
1 comments:
राम सेवक जी,सभी मुक्तक बहुत बढिया है।आप बहुत बेहतरीन लिखते हैं।
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है…
उसे पाना नही मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है…
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