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Saturday, December 15, 2007

breking nyooj
कलाकार : कोयल पुरी, संगीता ,स्वाती सेन ,हर्ष छाया , विनय आपटे , विरेन्द्र सक्सेना , अभिमन्यु सिंह , राहुल वोहरा
निर्देशक : विशाल ईनामदार
निर्माता : स्मिता और श्रेयस्कर मास्कर
संगीत : कौशल ईनामदार

koel purieतेज रफ्तार से भागती जिंदगी और उसकी महत्वकांक्षाओं की उड़ान के पीछे छिपे सच को तलाश करती एक जिद का नाम है ब्रेकिंग न्यूज । जिसमें है सेक्स , क्राइम और हिंसा से भरा हुआ स्याह चेहरों का खेल और इस हमाम में नेता ,अफसर, और टीआारपी के पीछे भागते मीडिया के आका नंगे बदन खड़े हैं, जहां शर्म भी खुद से शर्माती है। इस विंब में एक ऐसा चेहरा भी है जो एक झीनी सी उम्मीद जगाता है। टीआरपी के खेल के बीच भी अभी कुछ ऐसा है जो मीडिया से उम्मीदों को जिंदा रखता है। जी हां, वो है एक खबर जो तलाश करती है अपने से आगे की खबर और छोड़ जाती है अनगिनत प्रश्न .....मीडिया और समाज के रिश्ते के बीच के उस रिक्त स्थान के लिए जहां पर सच को तलाश करते हुए दिखलाई पड़ते हैं क्राइम रिपोर्टर विद्या सहगल जैसे चेहरे जो पत्रकारिता के वास्तविक उसूलों के लिए काम कर रहे हैं।

फिल्म की कहानी डेडलाइन और सच नाम के दो टीवी चैनलों के टीआरपी की दौड़ में एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ से शुरू होती है जिसके एक सिरे पर क्राइम रिपोर्टर विद्या सहगल है तो दूसरें पर अभिमन्यु सिंह और इनके स्टिंग ऑपरेशन में अपनी रूह को हैवानियत के दरिंदों से बचाने की उम्मीद में संगीता जैसा किरदार। इस स्टिंग ऑपरेशन की चपेट में आता है शहर का एक रंगीन मिजाज एसपी और डीआईजी और फिर शुरू होता है टीआरपी का खेल जहां पर कुछ भी सेंसर्ड नहीं है, क्योंकि चैनल का बॉस मानता है कि सेक्स और क्राइम बिकता है। इसलिए वो सब कुछ सही है जो चैनल की दर्शक संख्या बढ़ाता हो। इसके बाद शुरू होती है एक जंग, खबर को उसकी मंजिल तक पहुंचाने की।

निर्देशक विशाल ईनामदार बधाई के पात्र है जिनके पास सच कहने की जुबां और सलीका दोनों है । कोयल पुरी ने बेहतर अभिनय किया है । फिल्म में संगीत और नाच गाने की गुजांइश कम थी और यहां दर्शकों को निराशा हाथ लग सकती है। रही बात बॉक्स ऑफिस पर सफलता की तो टीवी स्क्रीन पर लगभग रोज स्टिंग ऑपरेशन देखने वाला दर्शक आता है या नहीं ये देखने वाली बात होगी। हालाकिं यहां उसके लिए एक सच इंतजार कर रहा है।

दरअसल ब्रेकिंग न्यूज समाज की घटनाओं पर ही आकर खत्म नहीं हो जाती बल्कि समाज पर नजर रख‌ने वाले लोगों की जिंदगी को भी बयान करती है। भेड़िये यहां भी हैं जो प्रमोशन के नाम पर सेक्स की भूख मिटाना चाहते है जिससे विद्या सहगल जैसे पत्रकार तो अपने आपको बचा ले जाते हैं पर कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो अपने शरीर को अपनी ताकत और मर्दो की कमजोरी मान लेते हैं। और प्रगति के घोड़े की लगाम अपने हाथ में रखने वाली लड़कियों को कभी-कभी इसकी कीमत अपनी जिंदगी से भी चुकानी पड़ती है। मीडिया में आज सेक्स और क्राइम का घाल‍‍मेल तड़के की तरह इस्तेमाल होता है चाहे वो टीवी चैनल की स्क्रीन हो या मीडिया का ऑफिस, खेल यहां भी होता है बस खिलाड़ी और मोहरे बदल जाते है । और इनकी कहानियॉ गॉसिप बनके रह जाती हैं। वक्त से तेज भागते समाज और मीडिया दोनों का सच भी शायद यही है क्योंकि

हर आदमी में होती है थोड़ी सी भूख और प्यास जब चाहे जहां चाहे आग लगा लो ..फर्क नहीं पड़ता । पर खबरदार कोई देख रहा है..

पुर्नजन्म :थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना

क्या है यहरीइनकार्नेशन या पुनर्जन्म की अवस्था में व्यक्ति को लगता है कि वह पहले किसी समय, कि सी दूसरी जगह पर, दूसरे शरीर के रूप में कहीं रह चुका है। वह पहले किसी और रूप में जीवन जी चुका है, और अब नए रूप में इस जीवन में है। विशेषज्ञ इसे 'देजा वू' का नाम देते हैं। 'देजा वू' फ्रेंच भाषा का शब्द है,जिसका अर्थ है मस्तिष्क का एकाएक किसी विशेष स्थिति में पहुंच जाना।

डॉ. विज की स्टडीमियामी के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. ब्रायन विज ने इस क्षेत्र में काफी काम किया है। 70 के दशक में डॉ. विज के पास लैब टेक्नीशियन महिला मनोरोग के इलाज के लिए आई। कैथरीन नाम की इस महिला को ठीक करने और उसके मन में छुपी बातों को बाहर निकालने के लिए विज ने सम्मोहन का सहारा लिया। इससे कैथरीन को शराबी पिता द्वारा यौन र्दुव्‍यहार, स्वीमिंग पूल में धक्का दिया जाना और डेंटिस्ट के क्लीनिक पर गैस मास्क लगाकर मारने की कोशिश के हादसे याद आए। लेकिन इसके बाद भी कैथरीन की समस्या ठीक नहीं हुई। ऐसे में विज ने उसे पूर्वजन्मों वाली जगहों के बारे में सोचने के लिए कहा। इससे कैथरीन करीब चार हजार वर्ष पूर्व के जीवन में चली गई। कैथरीन ने बताया कि उसकी मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हुई थी।

आगे के सम्मोहन सत्रों में उसने 18 वीं सदी की स्पेन की वैश्या के रूप में और यूनान में बिताए दिनों का जिक्र किया। विज ने इसे फैंटसी माना, लेकिन इसके बाद कैथरीन के स्वास्थ्य में जबरदस्त सुधार आया। दो जन्मों के बीच की ऐसी ही एक अवस्था में कैथरीन ने विज को उनके जीवन से जुड़ी ऐसी बातें बताईं जो सिर्फ वही जानते थे। कैथरीन के अनुसार आध्यात्मिक अवस्था में होने पर किसी गुरु ने उसे बताया कि वह 86 जन्म जी चुकी है। इसके बाद डॉ. विज के पास कैथरीन की बातों को मानने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था।

पीठ का दर्द और पिछला जन्मएक दूसरे केस में डॉ. विज की हमपेशा पीठ में लंबे समय से दर्द की शिकायत लेकर आई। दर्द का कोई कारण नजर नहीं आने पर डॉ. विज उसे सम्मोहन से पूर्व जन्मों में ले गए। महिला ने बताया कि वह अपने पूरे परिवार के साथ सड़क किनारे बने मकानों में रहती थी। वहां से गुजर रही रोमन सेना के सेनापति ने उसकी पीठ में जोरदार ठोकर मारी, जिससे रीढ़ की हड्डी टूट गई। सम्मोहन का यह सत्र पूरा होने के बाद महिला पूरी तरह ठीक हो गई।

क्या रहा नतीजाडॉ. विज इसे 'पास्ट लाइफ रिग्रेशन थेरैपी'(पीएलआरटी) कहते हैं। उन्होंने अंधविश्वासी होने के ठप्पे से बचते हुए अपने अनुभवों को प्रकाशित किया। उनकी किताब 'मैनी लाइव्ज, मैनी मास्टर्स' छपने पर कई लोगों ने उन्हें अपने अनुभव बताए। लोगों ने बताया कि वे खुद भी कई बार इस तरह के अनुभवों से दो-चार हो चुके हैं। डॉ. विज कई बच्चों को भी इसी थेरैपी से ठीक कर चुके हैं।

सेहत खराब करता है प्यार

लंदनब्रिटेन के वैज्ञानिकों का कहना है की प्रेम में नाकामी के कारण शरीर में होने वाली कई प्रतिक्रियाओं से सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है।

शोधकर्ताओं ने कहा है की रोमांस के दौरान अच्छे और बुरे अनुभवों के कारण हथेलियों पर पसीना आने, धड़कन की रफ्तार बढ़ने और आंखों पर बुरा असर पड़ने जैसे लक्षण देखे गए हैं। इसके अलावा एड्रेनैलिन नामक हार्मोन भी तेजी से अलग होता है जो स्वास्थ्य के लीएचिनताजनक है। काफी

इंपीरिल कॉलेज के प्रोफेसर मार्टिन कोई ने कहा कार्य के दौरान तनाव और अस्वस्थता के पीछे इसी तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं। लोग कई बार शिकायत करते हैं की लंबे समय से उनमें फ्लू जैसे लक्षण हैं लेकिन वे सभी इसी तनाव का परिणाम होते हैं। मार्टिन ने यह भी कहा कि भावनाओं के हमारी सेहत पर असर के बारे में जानकारी न होने के कारण भी स्वास्थ्य खराब होता है।

मार्टिन के मुताबीक अगर कोई भावनात्मक समस्याओं से जूझ रहा है तो उसे इसके असर के बारे में भी चौकस रहना चाहिए। माना जाता है कि जब आप अपने इमोशन के बारे में करते हैं तो खुद को कुछ कमजोर महसूस करते हैं लेकिन इसका कारण यही है कि भावनाओं और सेहत के बीच संबंध है। यह तो जाहीर ही है की शादी के तुरंत बाद अपनी पत्नी को खो देने वाले पुरुषों में हृदय संबंधी गंभीर रोग होने की आशंका 50 प्रतिशत ज्यादा रहती है।

2050: रोबोट से प्यार और सैक्स

एम्सटर्डम. मनुष्य इसी सदी के मध्य तक रोबोट से प्यार करेंगे और शादी भी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के शोधकर्ता की भविष्यवाणी है कि मैसाचुसेट्स ऐसी पहली जगह होगी, जो इन शादियों को वैध करार देगी।

robot loveनीदरलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ मैस्ट्रिक्ट के शोधकर्ता डेविड लेवी ने इस भविष्यवाणी के साथ ही हाल में मनुष्य और रोबोट के बीच रिश्तों को लेकर अपनी पीएचडी पूरी की है। इसमें उन्होंने शादी के साथ जुड़े विशेषाधिकारों और परंपराओं को भी शामिल किया है।

हालांकि लेवी कहते हैं कि रोबोट के साथ सैक्स की बातें कुछ अजीब जरूर लगती हैं, लेकिन एक बार कोई कॉसमॉस जैसी मैग्जीन में ऐसी कोई स्टोरी पढ़ लेगा तो इसे आजमाने से नहीं चूकेगा।

अपनी कृतियों से प्यार करता रहा है आदमी
मानव और उसकी कलाकृतियों या यांत्रिक कृतियों के बीच रोमांस के किस्से काफी समय पुराने हैं। इसी में एक ग्रीक मिथक भी शामिल है जिसमें एक वास्तुकार पिग्मेलियन अपने बनाई आबनूस की प्रतिमा के प्यार में पड़ गया था, जिसका उसने नाम रखा था गैलाशिया। मिथक बताता है कि देवी वीनस ने इसमें जीवन संचार किया था। लेवी का कहना है कि यह बात आज भी सच है। 40 साल पहले वैज्ञानिकों ने पाया था कि छात्र एलाइजा नाम के एक कंप्यूटर प्रोग्राम के प्रति काफी लगाव रखने लगे थे। यह प्रोग्राम स्टूडेंट्स से सवाल पूछता था और एक साइकोथिरेपिस्ट की तरह बोलता था।

robot girlलेवी कहते हैं कि रोबोट्स आदमी जैसे होने लगे हैं और वे अब मनुष्यों के काफी संपर्क में आने लगे हैं। पहले रोबोट्स का इस्तेमाल केवल फैक्टरियों में होता था, जब उनसे वाहनों को तैयार करने जैसे काम लिए जाते थे। इसके बाद उनसे मेल भेजने, लोगों को म्यूजियम्स दिखाने, घरों में वेक्यूम क्लीनर्स का काम लेने आदि के काम लिए जाने लगे। अब हमारे पास सोनी के आयबो जैसे रोबोट कुत्ते या टिकल मी एल्मोस और टैमागोचिस जैसे डिजिटल पैट मौजूद हैं।

अपनी थीसिस इंटिमेट रिलेशनशिप्स विद आर्टिफिशियल पार्टनर्स में लेवी ने कहा है कि रोबोट इतने आदमी जैसे दिखने वाले, व्यक्तित्व वाले और फंक्शन करने वाले हो जाएंगे कि मनुष्य उनसे प्रेम करने लगेगा, उनके साथ सैक्स करेगा और उनसे शादी भी करेगा। लेवी कहते हैं कि रोबोट्स से प्रेम और सैक्स की बातें पूरी तरह होकर रहेंगी।

क्यों करेगा आदमी रोबोट से प्यार
लेवी का कहना है कि साइकोलॉजिस्ट्स ने प्यार जैसी भावना के पीछे करीब एक दर्जन कारण गिनाए हैं और इनमें से तकरीबन हरेक मनुष्य के रोबोट से रिश्ते पर एप्लाई किया जा सकता है। मिसाल के लिए प्रेम में पड़ने के पीछे एक बड़ा कारण है व्यक्तित्व में समानता और ज्ञान और इसे प्रोग्राम किया जा सकता है। दूसरा कारण है कि मनुष्य सोचता है कि दूसरा व्यक्ति उसे पसंद करता है और इसे भी प्रोग्राम किया जा सकता है।

यूरोपियन रोबोटिक्स रिसर्च नैटवर्क के संस्थापक हैनरिक क्रिस्टेनसेन ने 2006 में भविष्यवाणी की थी कि पांच साल में मनुष्य रोबोट्स के साथ अपने सैक्स संबंध बना लेंगे। लेवी का कहना है कि कई कंपनी सैक्स डॉल्स पहले से ही बेच रही हैं और बस अब उनमें स्पंदन डालने के लिए कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल करना भर बाकी है।

लेवी कहते हैं कि सॉफ्टवेयर ज्यादा से ज्यादा एडवांस होता जा रहा है और मनुष्य का रोबोट से रिश्ता ज्यादा पर्सनल। 100 साल पहले विजातीय विवाह प्रतिबंधित थे। 50 साल पहले उन पर से रोक हट चुकी है। समलिंगियों में विवाह भी काफी हद तक मंजूर किए जा चुके हैं। शादी के लिए अब एक ट्रैंड बन गया है कि हर पार्टनर अपने चुनाव को जोरदार ढंग से रखने लगा है।

कहां और कब होगा यह संभव
लेवी कहते हैं कि मैसाचुसेट्स पहली जगह होगी जहां मानव के रोबोट्स के साथ शादियों को मान्यता दी जाएगी। इसकी वजह यह है कि मैसाचुसेट्स यूनाइटेड स्टेट्स के बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा उदारवादी है और समलिंगियों के मामले में भी वह चैंपियन रहा है। इसके अलावा वहां एमआईटी में ज्यादा हाईटैक रिसर्च भी चल रही हैं।

हालांकि ज्यॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी अटलांटा में रोबोटिसिस्ट रोनाल्ड आरकिन का मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि 2050 के आसपास रोबोटों के साथ शादी को कोई वैधानिक आधार मिलेगा। वह कहते हैं कि कुछ भी हो सकता है और वैधानिक आधार न मिलने का मतलब यह नही कि लोग इस विकल्प को ट्राई नहीं करेंगे। लेवी कहते हैं कि रोबोट से शादी के अपने फायदे तो हैं ही।

नैतिक सवाल
इस भविष्यवाणी के साथ ही ढेरों सवाल भी खड़े हो गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रोबोट्स के साथ सैक्स जैसी चीजें अपराधों को जन्म देगा। कोई नहीं जानता कि रोबोट्स के साथ रिश्ते बनाने वाले असल में लोगों के साथ क्या करेंगे। आरकिन कहते हैं कि अभी इस मुद्दे पर और शोध की जानी बाकी है। लेवी जरूर कहते हैं कि रोबोट को रखने का मतलब होगा कि वैश्यावृत्ति कम हो जाएगी।

आरकिन सवाल उठाते हैं कि अगर हम रोबोट्स को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाएंगे और उनसे रिश्ते भी रखेंगे तो यह देखना जरूरी है कि हमारे सामाजिक तानेबाने का क्या होगा। किस तरह वे मानवता और सभ्यता पर असर डालेंगे। लेवी फिलहाल रोबोट्स के नैतिक इस्तेमाल पर एक पेपर लिख रहे हैं।

Friday, December 14, 2007

अब होगी ‘झलक’ में आखिरी जंग

पीछले तेरह हफ्तों से स्टार प्रतिभागियों की जोरदार डांस प्रस्तुति के जरिए दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देने वाला सोनी टीवी का रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा’ अब अब होगी ‘झलक’ में आखिरी जंगअपने अंतिम पायदान पर पहुंच गया है। इसके इस शुक्रवार को प्रसारित होने वाले अन्तीम गाला राउंड में मेहमान के रूप में आई कैटरीना कैफ ने बाकी बचे तीन प्रतिभागियों प्राची देसाई, जय भानुशाली और संध्या मृदुल को नाचने के लिए ऐसे गाने दिए जिससे प्रतिभागियों को पसीना आ गया। गौरतलब है कि इस शुक्रवार के गाला राउंड के लीए अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ को मेहमान के रूप में बुलाया गया है।

गौरतलब है की अब तक अपने कोरियोग्राफर की मदद से डांस करने वाले इन प्रतिभागियों को इस अंतिम राउंड में कोरियोग्राफर की मदद के बिना नाचना है। इतना ही नहीं, उन्हें कीस गाने पर नाचना है यह भी जजेस द्वारा तय किया गया है। इसी के तहत कैटरीना को भी प्रतिभागियों के लिए गाना सिलेक्ट करने के लिए कहा गया था। कैटरीना ने अब होगी ‘झलक’ में आखिरी जंगझूठ बोले कौव्वा काटे और जान यू आर माई लव गानों पर नाचने के लिए कहा।

कैटरीना के पहले शो के एक जज श्यामक डावर ने संध्या मृदुल को मुजरा डांस करने के लिए कहा तो जय को महिला का रूप धरकर डांस करने के लिए कहा। उर्मिला और जितेंद्र ने प्राची देसाई से फिर एक बार आइटम सांग करने के लिए कहा। चूंकी अब आखीरी जंग का मौका है, लीहाजा तीनों प्रतिभागियों ने जमकर मेहनत करते हुए अपनी परफॉर्मेस को बेहतरीन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन तीनों की जोरदार परफॉर्मेस शुक्रवार के गाला राउंड में नजर आएगी। इस एपीसोड की और एक खास बात यह है की शो से एलिमिनेट होने वाले बाकी प्रतिभागी फीर एक बार मंच पर नजर आने वाले हैं।

फर्क कैसा ?

विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में पैदाइशी तौर पर ही सेंस ऑफ जस्टिस होता है। तभी तो वह अपनेपन को समझ पाते हैं। धीरे-धीरे यही उन्हें अपनों और परायों में फर्क करना parentingसिखाता है। पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को बड़ों के साथ ही अपने हमउम्र की भी इज्जत करना सिखाएं।

आपको क्या करना है:
* अगर बच्चों के साथ इज्जत से पेश आएं, तो वह भी अपने सेंस ऑफ जस्टिस का पूरा उपयोग करते हुए स्थितियों के बारे में काफी साफ नजरिया रखते हैं। बच्चों को सिखाएं कि जो लोग लोगों जैसे हैं उन्हें उसी हिसाब से पसंद करें। वह अपने दोस्तों या करीबियों को सिर्फ यह देखकर न पहचानें कि वह क्या कर सकता है और क्या नहीं। बच्चे टाइप कास्ट में बंटे नहीं रहते जैसे-शर्मीले, जिद्दी या फिर किसी और तरह के। यह आप ही हैं, जो उन्हें इस केटेगरी में डालते हैं या फिर वैसा माहौल बनाते हैं।

बच्चे की स्प्रिट हमेशा ऊंची रखें, लेकिन उसमें सुपीरियर फीलिंग ना आने दें। यह कुछ ऐसा कहने से आती है, जैसे आप उससे अच्छे हैं, आप ज्यादा अच्छा जानते हैं या फिर फलाना बच्च खराब है वगैरह। अपने डर को बच्चों के सामने मत आने दीजिए। आप ही डरेंगे तो बच्चों का क्या होगा। बच्चे पर असर
* बच्चे के बाल मन पर डांटने, मारने या डराने का असर तो होता है, लेकिन उतना नहीं जितना लोगों के सामने बेइज्जत होने का होता है।
* आप अपने बच्चे के साथ ही किसी दूसरे के बच्चे पर भी ऐसा माहौल न बनने दें। उसे ‘बैड बॉय’ या ‘बैड गर्ल’ की संज्ञा न दें।
* बच्चे में छोटी-छोटी चीजों जैसे खेल में पहले बारी न मिलने जैसी चाजों का भी असर पड़ता है। यह आपके लिए नहीं, लेकिन उनके लिए एक बड़ी बात हो सकती है। छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर अपने पैरेंट्स और मीडिया का पड़ता है, इसलिए आपको खुद पर भी कंट्रोल रखना है और मीडिया की एप्रोच तक भी।

जोली को सौतिया डाह

हॉलीवुड अभीनेत्री एंजेलिना जोली इन दीनों अपने साथी ब्रेड पिट की मां से बहुत ज्यादा खफा हैं। कारण यह है कि ब्रेड की मां ने ब्रेड की पूर्व पत्नी यानी अपनी पूर्व बहू जेनिफर Angelina Jolieएनिस्टन को अपने यहां एक कार्यक्रम में आमंत्रित कीया

गौरतलब है की वर्ष 2005 में पिट और एनिस्टन में अलगाव के बाद से ब्रेड जोली के साथ बगैर शादी किए रह रहे हैं। हालांकी जेनिफर और ब्रेड की मां अभी भी एक-दूसरे के संपर्क में हैं। यही वजह है की अब जोली को इन संबंधों से जलन हो रही है।

इस मामले को लेकर वे ब्रेड से भी नाराज हैं, लेकिन उन्होंने जोली को समझाया है की यह उनकी मां का व्यक्तिगत मामला है। वे चाहे जिससे भी मीलें इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। यही नहीं जोली और जेनिफर के बीच फोन पर भी नोंकझोंक हो चुकी है और दोनों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि जेनिफर और ब्रेड पीट के बच्चों की देखभाल अब जोली और पिट ही कर रहे हैं, लेकीन जेनिफर इससे खुश नहीं हैं।

Thursday, December 13, 2007

पीपल को जल चढ़ाएं मूलांक 8 वाले

अंक ज्योतिष. जीन लोगों का जन्म कीसी भी माह की 8, 17 और 26 तारीख को हुआ है, वे मूलांक 8 वाले होते हैं। मूलांक ‘8’ का स्वामी शनि है, जो कि पीपल को जल चढ़ाएं मूलांक 8 वालेदूसरे ग्रहों की तुलना में अधिक सहनशक्ति रखता है। व्यक्ति की शारीरिक स्थीती, उसका स्वभाव, रहन-सहन और व्यवहार आदि सभी शनिवत होते हैं। हालांकि हमारे मनीषियों ने शनि को पाप ग्रह की श्रेणी में लिया है, लेकिन ख्याति प्राप्ति में इसे बृहस्पति से भी ऊंचा स्थान प्राप्त है। यह अंक जटिलताओं से भरा, तेजस्वी और उतार-चढ़ाव लाने वाला होता है।

स्वभाव : मूलांक 8 के जातक एकांतप्रिय होते हैं, उनके जीवन में अनेक रहस्यमय पर्दे पड़े रहते हैं। ये प्राय: सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलों या अन्य रचनात्मक गतिविधियों में रुचि नहीं लेते। इनकी मित्रता सीमित हो जाती है। अंक 8 गंभीरता तथा परिश्रमशीलता का सूचक है। इस अंक के व्यक्तियों की बुद्धि तीक्ष्ण होती है तथा उनकी दलील प्रभावी तथा तर्कसंगत होती है। कठिनाइयों से जूझना इनकी आदत में है। इन व्यक्तियों में बाहरी दिखावा नहीं होता। ये जो भी कार्य करते हैं, धीरे-धीरे करते हैं, परंतु यह स्थायी होता है। ये बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं।

स्वास्थ्य : स्वास्थ्य की दृष्टि से मूलांक 8 के व्यक्तियों को जलीय रोगों, वायु विकार और अस्थि संबंधी रोगों की आशंका रहती है। ये लंबे समय तक परेशान करने वाले जुकाम, सर्दी और दुर्बल रक्त संचार के शिकार हो सकते हैं। गठिया के गंभीर दौरे की आशंका भी रहती है। क्रोध, चिंता या निराशा के प्रभावों से ये शीघ्र अस्त-व्यस्त हो जाते हैं।

आर्थिक स्थिति : मूलांक 8 वाले संघर्ष करके अधिक मात्रा में धन संग्रह कर लेते हैं, लेकीन आर्थिक स्थिति स्थाई नहीं रहती। अर्जित धन व्यर्थ जाता है तथा केवल सत्य अथवा परिश्रम की कमाई ही शेष रह जाती है। अवसर मिलने पर छोटे लोग इनको धोखा दे सकते हैं। पुराने कारोबार, भूमि, मकान, खान और खनिज के व्यापार में ये पैसा कमा सकते हैं।

व्यवसाय या कार्यरुचि : मूलांक 8 वाले डॉक्टर, केमिस्ट, वकील, ड्राइवर, जासूस, पुलिस, सेना, अध्यापक, न्यायाधीश तथा सफल कर्मचारी होते हैं। ये पिंट्रिंग प्रेस, बीमा, हार्डवेयर, ट्रांसपोर्ट, कोयला खानों, कंस्ट्रक्शन कंपनियों, मशीनें, लोहा आदि के कार्यो में अधिक सफलता पाते हैं। ये यूनियन लीडर एवं धार्मिक अगुआ भी होते हैं।

यात्रा : मूलांक 8 वाले यात्राएं कम ही करते हैं। ये घर से बाहर ही सफलता पाते हैं। जीविकोपार्जन अथवा व्यवसाय हेतु ये प्राय: घूमते रहते हैं। इनकी मनोरंजन एवं सैर-सपाटे की यात्राएं कम ही होती हैं।

शुभ तारीखें : मूलांक 8 वालों के लिए किसी भी महीने की 8, 17 और 26 तारीखें शुभ होती हैं।

प्रेम संबंध, विवाह एवं संतान : मूलांक 8 वाले प्रेम के मामले में कुछ ढीले होते हैं। भीतर ही भीतर तो वे प्रेमभावना रखते हैं, परंतु इजहार करना और जेब से खर्च करना इनके स्वभाव के अनुकूल नहीं है। इनका प्रेम निर्मल एवं उच्च भावनाओं से प्रेरित होता है। यह भी देखा गया है कि प्रेम के अभाव में ये कामुक बन जाते हंै। मूलांक 8 वाली स्त्रियां चालाक होती हैं। मूलांक 8 वाले व्यक्तियों का विवाह विलंब से होता है। संतानप्राप्ति में भी विलंब होता है।

शुभ रंग : इनके लिए गहरा भूरा, काला और नीला रंग शुभ है।

शुभ दिन : मूलांक 8 वालों के लिए बुधवार, शनिवार, शुक्रवार और सोमवार शुभ फलदायक होता है।

गुरुमंत्र : मूलांक 8 वालों को किसी भी प्रकार के विघ्न, परेशानी तथा कार्यो में रुकावट को दूर करने के लिए शनिवार को प्रात: पीपल के पेड़ की प्रदक्षिणा करते हुए जल अर्पित करना चाहिए। सूखा नारियल शनिवार प्रात: बहते पानी में प्रवाह करें। गरीबों को खाना खिलाएं। मांस-मदिरा से बचें, अवश्य लाभ होगा।

Wednesday, December 12, 2007

और बदल गया न्यू मार्केट का चेहरा

भोपाल: अंतत: न्यू मार्केट जाने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। बुधवार को यहां का नजारा बदला हुआ था। ‘नो व्हीकल जोन’ की अधिसूचना पर अमल शुरू हो गया है और बाजार के अंदर वाहनों व ठेलों का प्रवेश पूरी तरह रोक दीया गया है।

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न्यू मार्केट इतना खुला-खुला दिख रहा था की यहां आने वाले आश्चर्यचकित थे। नगर नीगम व पुलिस का अमला यहां व्यवस्था बनाने के लीए तैनात था। निगम कर्मचारियों ने सुबह से ही अंदर खड़े वाहनों को बाहर करवाना शुरू कर दिया था। कुछ वाहनों को जब्त भी किया गया, लेकीन बाद में उन्हें छोड़ दीया गया। कुछ देर के लिए क्वालिटी रेस्टोरेंट व टीटी नगर थाने के सामने लगे ड्राप गेट के पास वाहनों की भीड़ भी लगी। अनेक लोगों को ज्ञात नहीं था की आज से वाहन बाजार के अंदर नहीं जाएंगे। इनमें कुछ व्यापारी भी शामील थे। निगम कर्मचारियों के समझाने पर वे अपने वाहन पार्किग के लिए निर्धारित स्थान पर ले गए। व्यापारियों को निशुल्क पार्किग दी गई।

लिपस्टिक से कैंसर

लंदन. यदी आप भी ग्लॉस वाली लिपस्टिक का प्रयोग करती हैं, तो सावधान हो जाइए। हाल ही हुई रीसर्च के मुताबिक इस तरह की लिपस्टिक में पाए जाने वाले लिपस्टिक से कैंसरकैमिकल्स कैंसर का कारक बन सकते हैं।

फिलाडेल्फिया में फॉक्स चेस कैंसर सेंटर के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च से यह निष्कर्ष निकाला है। वैज्ञानिकों ने बताया कि लिपस्टिक जैसे कॉस्मेटिक्स को ग्लॉसी बनाने के लिए बटाइल बेंजाइल फैथालेट (बीबीपी) का उपयोग किया जाता है। ये कैमिकल ब्रेस्ट टिश्यूज के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जीसके चलते आप कैंसर की शिकार हो सकती हैं।

डॉ. जोस रूसो के नेतृत्व में शोध करने वाले विशेषज्ञों का कहना है की बीबीपी शरीर में फेट सेल को बढ़ाता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर के चांस भी बढ़ जाते हैं। वुमन एन्वायर्नमेंटल नेटवर्क का कहना है की ब्रिटेन में बिकने वाले पांच कॉस्मेटिक्स आइटम में से चार में बीबीपी पाया जाता है।

बच्चों पर हावी तनाव

तनाव ऐसी मानसीक स्थिति है जिससे सिर्फ बड़े ही नहीं, बच्चे भी गुजरते हैं। बच्चे के दीलोदिमाग में तनाव के घर करने में अहम रोल निभाता है घर तथा स्कूल का बच्चों पर हावी तनावमाहौल। बच्चे तनाव को शब्दों के जरिए व्यक्त नहीं कर पाते। वे अलग तरह से इसे व्यक्त करते हैं जैसे- पेट दर्द, सिर दर्द, बिस्तर गीला करना, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, अकेले रहना आदी। तनाव की स्थिति बच्चे के विकास में बाधा पहुंचाती है।

* बच्चे में तनाव के लक्षण का पता चलते ही विशेषज्ञों की राय लें। कई बार शुरुआती दौर में ही स्ट्रेस मैनेजमेंट से भी तनाव दूर हो जाता है।

* पारिवारिक विवाद जैसे- तलाक, लड़ाई-झगड़ा, संपत्ति के विवाद आदी भी बच्चों के लिए तनाव का कारण बनते हैं। जहां तक संभव हो, बच्चों को आपस के लड़ाई-झगड़ों से दूर रखें। अगर मामला तलाक का हो तो बच्चे को तनाव से दूर रखने के लीए मनोविशेषज्ञ से सलाह लें।

* घर का माहौल खुशनुमा बनाएं। कई बार घर में छोटे बच्चे के जन्म के बाद बड़ा बच्च चिड़चिड़ा जाता है। वह महसूस करता है कि माता-पिता तथा रिश्तेदार उसके छोटे भाई-बहन को ज्यादा प्यार करते हैं। नए बच्चे के घर में आने पर बड़े बच्चे पर भी बराबरी से ध्यान देने की जरूरत है।

* बच्चे से मीत्र की तरह व्यवहार करें। उससे स्कूल तथा उसके दोस्तों के बारे में जानकारी लें। उसे कुत्ते, बिल्ली या झोली वाले बाबा जैसे उदाहरण देकर डराने की कोशिश नहीं करें।

* कई बार अमीर माता-पिता के बच्चे स्कूल में रईसी दिखाते हैं, यह स्थिति कई बार मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए तनाव का कारण बनती है जैसे- ‘मेरे पापा तो बड़े बच्चों पर हावी तनावअफसर हैं, तुम्हारे पापा दुकानदार हैं।’ ‘मेरे पापा के पास बहुत पैसे हैं, तुम्हारे पापा गरीब हैं।’ कई बार ऐसी बातें बच्चे के मन में हीनभावना भर देती हैं। अगर बच्च ऐसी शीकायत करता है तो स्कूल प्रबंधन और टीचर को इसकी जानकारी दें।

* क्लास में यदी कोई आपके बच्चे पर हावी होने की कोशिश करता है तो इससे भी वह दब्बू बन सकता है। ऐसी नौबत आने पर टीचर से बात करके या तो अपने बच्चे का सेक्शन या क्लास में उसके बैठने की जगह बदल दें।

* बच्च तनाव में हो तो उसे घुमाने ले जाएं। जब वह रिलैक्स मूड में हो तो उससे प्यार से बात करके उसके दिमाग पर हावी डर को दूर करने का प्रयास करें।

अस्थमा और बच्चे

बदलते मौसम में अस्थमा के अटैक से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं छोटे बच्चे। कभी आधी रात में बच्च खांसते या छींकते हुए उठ जाता है। ठंड के मौसम में यह साधारण अस्थमा और बच्चेसी बात है, लेकिन यदी ऐसा बार-बार होता है तो गंभीर बात है। यही नहीं यदि बच्चा नाक से सांस न लेकर मुंह से सांस लेता है तथा उसे सांस लेने तथा छोड़ने में कठीनाई होती है। साथ-साथ सांस छोड़ते समय सीटी की आवाज निकलती है तो यह निश्चय ही अस्थमा से जुड़ा मामला है।

सिर्फ अनुवांशिक कारण से ही बच्चे को अस्थमा नहीं होता, बल्की इसके कई और भी कारण हैं। इस बारे में एक अच्छी खबर यह है कि अगर छोटी उम्र में बच्चे को अस्थमा हो जाता है तो व्यापक देखभाल से कई बार बढ़ती उम्र के साथ अस्थमा खत्म भी हो जाता है।

कारण
वैसे अनुवांशिकता को ही अस्थमा का महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। यदी परिवार में एक से अधिक सदस्यों को अस्थमा है तो बच्चे को अस्थमा होने की आशंका अधिक होती है। जिन बच्चों में यह अनुवांशिकता के माध्यम से आता है उन्हें एलर्जी ज्यादा होती है। इसके अलावा बच्चों को अस्थमा कई कारणों से हो सकता है। जैसे-पैसिव स्मोकिंग, खाद्य पदार्थो की एलर्जी, जानवरों के रोएं, घर के धूलकण, दवाइयां तथा पंख आदि। ठंड के दिनों में चलने वाली हवाएं अस्थमा को और बढ़ा देती हैं, क्योंकि इन हवाओं में धूलकण तथा पराग कण मील होते हैं। भावनात्मक तनाव के कारण भी बच्चे अस्थमा के शिकार होते हैं। जिन बच्चों के घर का माहौल खुशहाल नहीं होता, उनमें भी अस्थमा होने के आसार बढ़ जाते हैं।

अस्थमा की पहचान
बच्च लगातार खांसता है तथा रात में स्थिति और बुरी हो जाती है। पहला अटैक आने पर जितना जल्द हो सके डॉक्टर को दिखाएं। अगर बच्चे को अस्थमा है तो आप घबराएं नहीं, इससे बच्चे की स्थिति और बिगड़ सकती है। एलर्जी टेस्ट करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करवा सकता है तथा आपकी फैमिली हिस्ट्री तथा फूड एलर्जी के बारे में पूछ सकता है।

दवा से बेहतर है उपाए
घर या स्कूल में होने वाले किसी भी तरह के तनाव से बच्चे को दूर रखें। तापमान में किसी तरह का परिवर्तन होने पर अस्थमा का अटैक होने की आश्ांका बढ़ जाती है। धूल तथा प्रदूषण से बच्चों को दूर रखें। घर में कम-से-कम फर्नीचर रखें। पुरानी किताबें, कपड़े, कंबल तथा रजाइयों के धूलकण अस्थमा के मरीज को ज्यादा परेशान करते हैं। इसलिए अगर घर में वैक्यूम क्लीनर हो तो बच्चे के स्कूल जाने पर घर साफ करें। घर में पौधे तथा पालतू जानवर रखने से बचें। टेलकम पाउडर तथा जंक फूड से बच्चों को दूर रखें।

सैफ ने दीया करीना को लैपटॉप

छोटे नवाब यानी सैफ अली खान और करीना कपूर का रोमांस दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालात ये हैं की एक ओर जहां अपनी बेबो यानी करीना सैफ की खुशी में ही अपनी सैफ ने दिया करीना को लैपटॉप खुशी तलाश रही हैं, वहीं छोटे नवाब भी करीना को खुश रखने के लीए नए-नए जतन कर रहे हैं। पीछले दीनों करीना को महंगी ज्वैलरी और मोबाइल फोन गिफ्ट देने वाले सैफ अली खान ने अब उन्हें एक लैपटॉप खरीदकर दीया है।

करीना ने ही सैफ द्वारा उन्हें उपहार में लैपटॉप दिए जाने की पुष्टि की। फिलहाल गोवा में ‘गोलमाल रिटर्न्‍स’ की शूटिंग कर रहीं करीना ने बताया कि सैफ का तकनीकी जगत से गहरा जुड़ाव है। मुझे इलेक्ट्रॉनिक चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और मेरा तो ईमेल आईडी भी नहीं है। सैफ चाहते हैं कि मेरा भी आधुनिक तकनीक से तालमेल हो इसीलिए उन्होंने मुझे लैपटॉप खरीदकर दिया है। अब मैं इंटरनेट के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही हूं और कंप्यूटर की नई-नई बारीकीयाँ समझ रही हूं।

शूटिंग से पैकअप होने के बाद मैं लैपटॉप पर नेट लॉग ऑन कर खबरें पढ़ती हूं। मुझे अब काफी मजा आ रहा है। सैफ द्वारा दीए इस उपहार से मैं काफी खुश हूं और इसे एंजॉय कर रही हूं।

Tuesday, December 11, 2007

सैफ की खुशी में ही मेरी खुशी

यह साल बेबो की जिंदगी में कई बदलाव लेकर आया है। जहां उनका लंबे समय से प्रेमी रहे शाहीद कपूर से ब्रेकअप हुआ। वहीं इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब वी मेट’ की सैफ की खुशी में ही मेरी खुशी करीनासफलता ने अचानक उन्हें अग्रिम श्रेणी की नायिकाओं में ला खड़ा किया। करीना भी इस फिल्म की सफलता से बेहद खुश हैं। वे चहकते हुए कहती हैं, ‘इसकी सफलता के बाद हर कोई यह कह रहा है कि मुझे बहुत सारे अवार्डस मीलेंगे, लेकिन मैं इस बात से ही खुश हूं कि फिल्म अच्छा बिजनेस कर रही है और लोगों को मेरा काम पसंद आ रहा है। यहां तक कि इसकी रिलीज के दो महीने बाद आज भी मेरे पास अपने काम की तारीफ में मैसेजेस आते हैं।’

हालांकी ‘जब वी मेट’ से पहले करीना काफी समय तक लो प्रोफाइल रही हैं। इस बारे में करीना का कहना है, ‘मैं चाहती हूं कि लोग मेरे काम के बारे में बात करें। हालांकी इस इंडस्ट्री में ऐसे कई लोग हैं, जो खुद को लाइमलाइट में रखने के लिए पीआर एक्सरसाइज में जुटे रहते हैं। वे पार्टियों में जाते हैं और फिल्मों में रोल पाने के लिए तरह-तरह की तिकड़म भिड़ाते हैं। आज लगता है कि अच्छे पीआर का होना बहुत जरूरी हो गया है। फिर भी मैं यह सब नहीं कर सकती।’

वैसे देखा जाए तो उनकी जीन्दगी में सैफ के आने के बाद ही उन्हें इतनी बड़ी हीट फिल्म मीली है। तो क्या करीना सैफ को अपने लिए लकी मानती हैं? इस सवाल पर करीना हंसते हुए कहती हैं, ‘यदि लोगों को ऐसा लगता है तो ऐसा ही सही, लेकिन स्पष्ट तौर पर कहा जाए तो यह मेरे और इम्तियाज के हार्ड वर्क की अनदेखी करने वाली बात होगी।’ हालांकी ऐसा भी कहा जा रहा है कि जबसे उनकी सैफ के साथ डेटिंग शुरू हुई है, सैफ काफी खुश रहने लगे हैं। इस बारे में करीना सकुचाती हुई कहती हैं की यदी सैफ खुश हैं तो वे भी खुश हैं।

वनडे rainking में सचीन 8वें

दुबई. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा एक दीवसीय बल्लेबाजों की मंगलवार को जारी रैंकिंग सूची में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने आठवें नंबर पर जगह बनाई है। टॉप-10 मंे जगह बनाने वाले वे इकलौते भारतीय क्रिकेटर हैं।

इस सूची में 736 अंकों के साथ सचिन ने आठवीं रैंक दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज हर्शेल गिब्स के साथ साझा की है। 788 अंकों के साथ ऑसी कप्तान रिकी पोंटिंग अब भी टॉप बल्लेबाज हैं। दूसरे और तीसरे नंबर पर भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का दबदबा है और पोंटिंग के बाद एंड्रयू सायमंड्स और मैथ्यू हैडन हैं।

हालांकि टॉप-20 में युवराज सिंह और टीम इंडिया के वन डे कप्तान महेंद्रसिंह धोनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। युवराज 715 अंकों के साथ 11वें ओर 688 अंकों के साथ धोनी 17वें नंबर पर हैं।

टॉप टेन बल्लेबाज :
1. रिकी पोंटिंग - ऑस्ट्रेलिया
2. एंड्रयू सायमंड्स - ऑस्ट्रेलिया
3. मैथ्यू हैडन - ऑस्ट्रेलिया
4. केविन पीटरसन - इंग्लैंड
5. मोहम्मद यूसुफ - पाकिस्तान
6. ग्रीम स्मिथ - दक्षिण अफ्रीका
7. माइक हसी - ऑस्ट्रेलिया
8. सचिन तेंदुलकर - भारत और हर्शेल गिब्स - दक्षिण अफ्रीका
10. शिवनारायण चंद्रपॉल - वेस्टइंडीज

टॉप टेन गेंदबाज :
1. शॉन पोलक - दक्षिण अफ्रीका
2. शेन बॉंड - न्यूजीलैंड
3. नाथन ब्रेकन - ऑस्ट्रेलिया
4. चामिंडा वास - श्रीलंका
5. डेनियल वेटोरी - न्यूजीलैंड
6. मुथैया मुरलीधरन - श्रीलंका
7. ब्रैड हॉग - ऑस्ट्रेलिया
8. मखाया एनतिनी - दक्षिण अफ्रीका
9. ब्रेट ली - ऑस्ट्रेलिया
10. जेराम टेलर - वेस्टइंडीज

ऑलराउंडर :
1. शॉन पोलक - दक्षिण अफ्रीका
2. सनथ जयसूर्या - श्रीलंका
3. एंड्रयू फ्लिंटॉफ - इंग्लैंड
4. क्रिस गेल - वेस्टइंडीज
5. जैक्स कालिस - दक्षिण अफ्रीका

Sunday, December 9, 2007

मैं तुलसी तेरे आंगन की

अधीकांश भारतीय घरों में तुलसी का पौधा देखने को जरूर मील जाएगा। कारण इसका धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसका स्वास्थ्यवर्धक महत्व भी कम नहीं है। धार्मिक tulsiमहत्व यह है कि पुराणों में इसे विष्णु प्रिया नाम से विभूषित कीया गया है तो हिनदू पूजा पद्धति इसके बगैर अधूरी मानी गई है।

स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो सर्वप्रथम तुलसी के पौधे को छू कर जब हवा घर के भीतर प्रवेश करती है तो वह एंटीसेप्टिक और बीमारी रोधी गुणों से परिपूर्ण होती है। यानी घर से कीटाणुओं को भगा हवा को शुद्ध करती है। यही वजह है की 500 ई.पू. के प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी तुलसी के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है। संस्कृत भाषा में संभवत: तभी तुलसी का अर्थ होता है ‘अतुलनीय।’

औषधीय गुणों वाली तुलसी
* बुखार कम करती है।
* अल्सर से बचाती है।
* ब्लड शुगर के खतरनाक माने जाने वाले स्तर को कम करती है।
* लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार लाती है।
* मुंह की दरुगध दूर करती है।
* कीड़े-मकोड़े दूर भगाती है।
* एलर्जी और जलन में राहत देती है।
* मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डाल तनाव से जूझने में मददगार होती है।
* खाली पेट गर्म या ठंडे पानी के साथ तुलसी जूस का सेवन न सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्की
* किडनी में अगर स्टोन है तो शहद के साथ तुलसी का सत पीने से आराम मीलाता है।
* तुलसी और अदरक का जूस पेट दर्द समेत पेट के कीड़ों को मारने में भी प्रभावी है।
* सर्दी-जुकाम में भी शहद के साथ एक चम्मच तुलसी जूस लेने से राहत मीलती है।
* गुड़ के साथ तुलसी की पत्ती चबाने से पीलीया भी ठीक हो जाता है।
दिमाग की ताकत को भी बढ़ाता है।

कैसे फैलता है एचआईवी ?

Most people get HIV by having unprotected sex with some one who already has HIV.चार मुख्य तरल पदार्थ हैं जीनके कारण एचआईवी फैलता है। रक्त और सीमन में मौजूद थोड़ी सी भी मात्रा किसी व्यक्ति में एचआईवी फैलाने में सक्षम है।

एचआईवी फैलने के तीन प्रमुख कारण

१ जब एक व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ सैक्सुअल संबध रखता हो तो एचआईवी का सक्रंमण हो सकता है।

२ रक्त में यह वाइरस सांद्रित अवस्था में रहता है इसलिए रक्त की जरा सी भी मात्रा जिसमें एवआईवी हो,किसी व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए काफी है ।

३ स्वस्थ और बिना कटी फटी त्वचा एचआईवी को शरीर में प्रवेश नहीं करने देती और यह एचआईवी को रोकने में एक महत्वपूर्ण बाधक के रूप में काम करती है। प्रभावित रक्त Needle-stick injuries can transfer HIVकी एक बूंद भी अगर किसी व्यक्ति के शरीर में चली जाए तो वह इस घातक संक्रमण की चपेट में आ जाएगा । अन्य द्रवों में इसकी मात्रा ज्यादा हो तभी वह शरीर में फैलता है ।

एचआईवी एक सक्रंमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निम्ललिखित कारणों से फैल सकता है

* रक्त (मासिक धर्म के रक्त सहित)* सीमन (वीर्य)* योनि स्त्राव* ब्रेस्ट मिल्क

ये चार मुख्य तरल पदार्थ हैं जीनके कारण एचआईवी फैलता है। रक्त और सीमन में मौजूद थोड़ी सी भी मात्रा किसी व्यक्ति में एचआईवी फैलाने में सक्षम है। बच्चों में ब्रेस्ट मिल्क के सेवन से एचआईवी के फैलने की संभावना बहुत अधिक होती है क्योंकि उनका प्रतिरक्षा तंत्र बन रहा होता है। वहीं वयस्कों में ब्रेस्ट

मिल्क से एचआईवी सक्रंमण फैलने की संभावना कम होती है ।

इनसे एड्स नहीं फैलता

स्लीवाआंसूपसीनाविष्ठा , मलमूत्र

ये वे तरल पदार्थ है जिनके कारण एड्स नहीं फैलता है। पसीने में एचआईवी वाइरस नहीं होता है। अभी तक ऐसा कोई मामला रजिस्टर्ड नहीं हुआ है जिससे यह पता चलता हो कि इन तरल पदार्थों के कारण मनुष्य में एड्स फैलता हो।

एड्स के सक्रंमण को शरीर पर होने से कैसे रोका जाए

* सुरक्षात्मक सेक्स संबंध * कंडोम का उपयोग * साथी से वफादारी * सूई का सही इस्तेमाल, साझेदारी से बचें* सेक्स संबधांे से दूर रहकर

जीनके कारण एचआईवी फैलता है* असुरक्षित सेक्स संबंध* रक्त का सीधी जुड़ाव , सक्रंमित इंजेक्शन के द्वारा , रक्त चढ़ाने के दौरान मां से बच्चे में जन्म से पूर्व संक्रमण या फिर ब्रेस्ट मिल्क के सेवन के कारण।

अब Hindi का जवाना है

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