मुंबई: दादा नाम से ख्यातनाम भारत के सौरव गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सिरीज के अंतिम मैच में आज 239 रनों की विशाल पारी खेल भारत का 28 साल बाद अपनी जमीन पर पाक से टेस्ट सिरीज जीतना लगभग तय कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कई रिकार्ड भी बनाए। टेस्ट क्रिकेट में किसी भी भारतीय का यह सातवां सबसे बड़ा स्कोर है। इसके साथ ही पाक के खिलाफ अपनी ही जमीन में किसी भी भारतीय का यह सर्वाधिक स्कोर है। गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग का रिकार्ड भंग किया। सहवाग ने इसी मैदान में पाकिस्तान के खिलाफ 24 मार्च 2005 को 201 रनों की पारी खेली थी।
बेंगलूरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में यह किसी भी खिलाड़ी का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। नंबर वन पर पाक टीम के अस्थाई कप्तान यूनिस खान काबिज हैं। उन्होंने मार्च 2005 को यहां 267 रन की पारी खेल अपनी टीम को हैरतंगेज जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। संयोग से यह किसी भी भारतीय का अपनी ही जमीन में दूसरा ही सबसे बड़ा स्कोर है। यहां शीर्ष पर वीवीएस लक्ष्मण काबिज हैं जिनकी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 281 रनों की पारी क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार की जाती है।
कभी विदेशी मैदानों में भिंगी बिल्ली समझे जाने वाले भारतीय बल्लेबाजों के विदेशी मैदानों में बढ़ते दबदबे का ही परिणाम है कि भारत के शीर्ष 7 में से पांच स्कोर विदेशी मैदानों पर ही बने हैं वह भी पिछले 3-4 सालों में। इस दौरान अधिकांश समय कप्तान खुद सौरव गांगुली ही थे।
दादा सचमुच लाजवाब: एक बल्लेबाज के रूप में गांगुली को उनके साथी खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के साथ टीम में स्थान गंवा चुके वीरेंद्र सहवाग से भी उन्नीसा समझा गया, जबकि विदेशी जमीन पर लगातार दो शतक ठोककर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज करने वाला यह खिलाड़ी पहली पांत के बल्लेबाजों में निर्विवाद रूप से शामिल होने की काबिलियत रखता था। क्रिकेट कैरियर का अधिकांश समय कप्तान रहने का खामियाजा दादा को एक बल्लेबाज के तौर पर उठाना पड़ा। वर्ना उनके नाम भी आज राहुल द्रविड़ की तरह 25 टेस्ट शतक हो सकते थे। आंकड़े इस बात का गवाह हैं। गांगुली ने एक खिलाड़ी के रूप में 50 टेस्ट मैचों में 10 शतकें लगाई हैं। इस दौरान उन्होंने 47 से अधिक के औसत से 3694 रन बनाए।
टेस्ट क्रिकेट में दोबारा वापसी के बाद से अब तक वे 11 टेस्ट मैचों की 20 पारियों में करीब 51 के औसत से 1034 रन बना लिए हैं। इसमें 3 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान वे दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के दो कठिन दौरों में सबसे सफल बल्लेबाज रहे। वहीं एक कप्तान के रूप में गांगुली 49 टेस्ट मैचो में सिर्फ 37.66 के औसत से 2561 रन ही बना सके। इस बीच उन्होंने सिर्फ 5 टेस्ट शतक ही बनाए। खुद राहुल द्रविड़ एक कप्तान के तौर पर सिर्फ 44 के औसत से 1700 रन ही बना सके हैं, जबकि उनका कैरियर औसत 56 से अधिक है। इसी के चलते उन्होंने मझधार में ही कप्तानी छोड़ दी तो दूसरी ओर गांगुली अपने निजी रिकार्ड की कीमत पर कप्तानी करते रहे। नतीजतन उन्हें टीम तक से हाथ धोना पड़ गया। बेशक कैरियर के अंत में राहुल द्रविड़ को सौरव गांगुली से बेहतर बल्लेबाज माना जाएगा, लेकिन जब एक क्रिकेटर के कैरेक्टर की बात होगी तो एक टीम के रूप में भारत को सम्मानजनक मुकाम पर ले जाने वाले गांगुली का नाम उनसे पहले लिया जाएगा।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के टॉप 10 स्कोरर: वीरेद्र सहवाग(309 रन, वि. पाकिस्तान, मुल्तान, 28 मार्च 2004)), वीवीएस लक्ष्मण(281 , वि ऑस्ट्रेलिया,11 मार्च 2001), राहुल द्रविड़(270 वि. पाकिस्तान, रावलपिंडी, 13 मार्च 2004), वीरेंद्र सहवाग(254, वि पाकिस्तान, लाहौर, 13 जनवरी 2006), सचिन तेंडुलकर(248* वि. बांग्लादेश, 10 दिसंबर 2004), सचिन तेंडुलकर(241* वि. ऑस्ट्रेलिया, सिडनी, 2 जनवरी 2004), सौरव गांगुली(239 पाकिस्तान, बंेगलूरु, 8 दिसंबर, 2007), सुनील गावस्कर (236* वि. वेस्टइंडीज, चेन्नई, 24 दिसंबर 1983), राहुल द्रविड़(233 वि. ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड, 12 दिसंबर 2003), वीनु मांकड़(231, वि. न्यूजीलैंड, चेन्नई,6 जनवरी 1956)