10 मिनट में 40 हजार
दिल्ली.आपने कई प्रकार के जॉब के बारे में सुना होगा और काम के समय और मिलने वाले वेतन के बारे में भी बहुत कुछ जानते होगें लेकिन एक ऐसा जॉब भी है जहां पर साल भर में सिर्फ 60 घंटे काम, अनुमानत: एक दिन में 10मिनट काम होता हो और इस काम के एवज में महीने का पगार रु0 40 हजार मिलता हो । आप इस बात पर थोड़ा आश्चर्य करे और शायद आपने इसके बारे में अभी तक ज्यादा नहीं सुना होगा और यदि आप दिल्ली विधान सभा के सदस्य नही हैं तो ज्याद कुछ नही जानते होगें।
२क्क्७ में दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल केवल २क् दिनों तक ही चला जिसका काम रोज के हिसाब से 4 घंटे से भी कम आता है। इन चार घंटों के काम में ४क् मिनट तो सिर्फ चाय पीने के लिए होते हैं। इनका आपस में बहस वगैरह काम इसमें शामिल नही है।
क्या कहती है दिल्ली विधानसभा की वेबसाइटदिल्ली विधानसभा की वेबसाइट पर अगर आप देखें तो एम.एल.ए. के काम करने का पूरा विवरण आपको मिल जाएगा। पहले सेशन से १७ सितबर तक सांसदो ने कुल मिलाकर 16 दिन अर्थात 3456 मिनट सदन में कामकाज किया। यह काम 59 घंटों के लगभग होता है।
१८ सितबंर तक एमएलए के कार्यो का विवरण मौजूद नही है लेकिन उस दिन भी लगभग4 घंटे तक ही कामकाज हो सका था।
और इसके अनुसार तीन दिन तक चले सत्र में कुल 12 घंटे तक ही कामकाज हुए। कुल मिलाकर जोड़ा जाए तो इस हिसाब से केलेन्डर के अनुसार पूरे साल में सिर्फ 75 घंटे ही काम हुए हैं।17 सितबंर तक में कुल 623 मिनट इन्होंने चाय पीने और अलग-अलग वाद-विवादों में खर्च किए। 18 सितबंर तक चले तीन दिन के सत्र के दौरान इन्होंने १ घंटा 30 मिनट का समय खर्च किया। इस हिसाब से देखा जाए तो 2007 में पूरे कार्यकाल के दौरान सिर्फ 62 घंटो तक ही सही तरीके से कामकाज हो सका।
दिल्ली में पहले विधानसभा सत्र 1993 से 1998 तक 930 बैठके और पूरे पांच साल तक सही तरीके से कामकाज हुआ था। 1998 तक पूरे सत्र को मिलाकर कुल 106 दिन काम हुए थे। जो कि प्रत्येक साल में 20 से २५ दिन होता है।
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