View technorati.com
Wana Masti Fun, Fun Masti, Masti, Enjoy Masti

अपनी भाषा मे देखे!!

This is Me Your Best Friend Wana Be My Best Friend Just Give Me Your Comments Here And I will Reply Sure

Saturday, January 5, 2008

ऑस्ट्रेलिया ने 122 रनों से दूसरा टेस्ट जीता

सिडनी.cricketभारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी लड़खड़ा गई है और इस वक्त भारतीय बल्लेबाज गहरे दवाव में आ गए है। भारत ने ताजा समाचार मिलने तक 7 विकेट खोकर 185 रन बना लिए है। धोनी 35 रन बनाकर साइमंड्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। कप्तान अनिल कुंबले 27 रन बनाकर खेल रहे है। धोनी की जगह हरभजन बैटिंग करने मैदान में उतरे हैं। भारत को जीतने के लिए 333 रनों का लक्ष्य पार करना है।

पहला ओवर333 रन लक्ष्य लेकर उतरी भारतीय टीम को पहले ही ओवर में वसीम जाफर के विकेट गवाना पड़ा वे ब्रेट ली की गेंद पर क्लार्क के हाथों बिना कोई रन बनाए कैच आउट हो गए।

एस आर क्लार्क ने दिए भारत को तगड़े झटके

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज एस आर क्लार्क ने संभलकर खेल रहे लक्ष्मण 20 को एलबी डब्लू आउट किया तथा उसके बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को 12 रनों पर बोल्ड कर भारतीय बल्लेबाजी पर गहरा दबाव बना दिया । सचिन एक बार फिर दुर्भाग्यशाली रहे जब गेंद उनके बल्ले का भीतरी किनारा लेकर विकेट से जा लगी और इस तरह से भारत का तीसरा विकेट 54 रन पर गिरा।

क्या भारत मैच बचा सकेगा?

सिडनी टेस्ट मैच में लाख टके का सवाल इस बात को लेकर है क्या भारत 3 विकेट खोने के बाद भी इस मैच में वापसी कर सकेगा और ऑस्ट्रेलिया के विजयरथ को रोकने में कामयाब हो सकेगा या नहीं ? अभी उसके 7 विकेट शेष है और अब समय आ गया है कि राहुल ,सौरव के साथ साथ युवराज सिंह और महैन्द्र सिंह धोनी को अपना सर्वोत्तम खेल खेलना होगा।

अब दूर नहीं बसंत..

सिडनी. सिक्सर किंग युवराज सिंह और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के बीच नजदीकियां लगातार बढ़ रही हैं। खबर तो यहां तक है कि दोनों शादी करने को राजी हैं, लेकिन इसके लिए अभी दो साल तक इंतजार करना चाहते हैं।

कुछ समय पहले धोनी के साथ नाम जुड़ने से सुर्खियों में आईं दीपिका आजकल सिडनी में ही डेरा डाले हुए हैं, जहां भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ दूसरा टैस्ट खेल रहा है। शनिवार को दीपिका का जन्मदिन था, कहा जा रहा है कि इसे युवराज के साथ मनाने लिए ही वह भारत से सिडनी पहुंची।

पिता योगराज बनाएंगे युवराज पर फिल्म

युवराज के पिता योगराज सिंह बेटे के जीवन पर फिल्म बना रहे हैं। इसका नाम होगा ‘द मेकिंग ऑफ युवराज सिंह’। फिल्म फ्लैश बैक से शुरू होगी और इसमें बूढ़े युवराज की भूमिका में योगराज होंगे, जवानी की भूमिका युवराज खुद निभाएंगे।

मुंबई के प्रोडूयसर से बात हुई है, पर उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया। योगराज ने बताया स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। इसमें 8 महीने तक का समय लगेगा। यह बड़ी फिल्म होगी, इसमें युवराज से जुड़े लोगों के बारे में बताया जाएगा।

Friday, January 4, 2008

यह आइटम-साइटम क्या है

परदे के पीछे. मीडिया और फिल्म उद्योग में ‘आइटम’ का अर्थ है किसी लोकप्रिय सितारे द्वारा फिल्म में नाच-गाना प्रस्तुत करना और वह फिल्म का चरित्र नहीं है। शाहरुख ने करन जौहर की ‘काल’ में नृत्य किया था जबकि वे फिल्म के पात्र नहीं थे।

जनवरी के दूसरे सप्ताह में वे राकेश रोशन की फिल्म ‘क्रेजी 4’ के लिए शूटिंग करने जा रहे हैं। चरित्र भूमिका में सितारा पात्र होता है और भूमिका छोटी होने के कारण अतिथि कहा जाता है। प्राय: कथा की मांग के अनुरूप यह करना पड़ता है। मसलन करन जौहर की ‘कुछ कुछ होता है’ में सलमान जैसे सितारे का होना जरूरी था, अन्यथा कभी शाहरुख को चाहने वाली किसी ऐरे-गैरे के प्रेम में कैसे पड़ सकती है।

प्राय: बॉक्स ऑफिस मूल्य बढ़ाने के लिए ‘आइटम’ या ‘अतिथि’ जोड़े जाते हैं। मल्टीप्लैक्स के आगमन के साथ ही टिकट की दरों के बढ़ने के बाद दर्शक को आकर्षित करना कठिन हो गया है। फिल्म निर्माण के दाम आसमान छू रहे हैं। अत: निर्माता को फिल्म में अतिरिक्त आकर्षण पैदा करना पड़ रहा है।

आज जिसे ‘आइटम’ कहा जा रहा है, वह पहले भी फिल्मों में रहा है परंतु उसे इस कदर बदनाम नहीं किया गया था। बतौर निर्माता राकेश रोशन की पहली फिल्म ‘आपके दीवाने’ में जितेंद्र ने एक नृत्य किया था, जबकि वे उस फिल्म के पात्र नहीं थे। इसी तरह राकेश रोशन की ‘खुदगर्ज’ में ऋषि कपूर ने गीत गाया था। राकेश, ऋषि और जितेंद्र हमेशा ही गहरे मित्र रहे हैं और बिना पैसे लिए एक-दूसरे की फिल्मों में काम करते रहे हैं।

कई बार मित्रों के आग्रह पर ‘आइटम’ जैसा कुछ करना पड़ता है। राजकपूर ने प्रेमनाथ को ‘आग’ और ‘बरसात’ में समानांतर नायक की भूमिकाएं दी थीं। ‘आवारा’ में प्रेमनाथ के लिए कोई भूमिका नहीं थी, परंतु प्रेमनाथ की जिद थी, अत: एक गीत में उन्होंने मल्लाह की अति संक्षिप्त भूमिका निभाई। केदार शर्मा ने गीता बाली को तराशा था और प्रस्तुत किया था। जब वे शम्मी कपूर और माला सिन्हा के साथ ‘रंगीन रातें’ बना रहे थे, तब गीता बाली की जिद पर उन्हें लड़के के रूप में एक छोटी भूमिका दी गई। दर्शकों को लगा कि किसी दृश्य में गीताबाली अपने असली रूप में प्रगट होंगी। उन दिनों शम्मी और गीता का इश्क शिखर पर था।

आजकल ‘आइटम’ का अर्थ सेक्सी नृत्य रह गया है। मल्लिका शेरावत, राखी सावंत और ईशा कोप्पीकर ने ‘आइटम’ का यही अर्थ प्रस्तुत किया है। ‘जब वी मेट’ में नायक नायिका के साथ दो घंटे के लिए कमरा लेता है तो मैनेजर कहता है कि ‘आइटम’ कड़क है। शब्दों के अर्थ इरादों के कारण इसी तरह बदलते रहते हैं। बेगमपारा और तनूजा खुले स्वभाव की खिलंदड़ सितारा थीं, परंतु उस जमाने में बिंदास शब्द नहीं गढ़ा गया था। सिनेमा के प्रारंभिक गूंगे दौर में दर्शक को आकर्षित करने के लिए मध्यांतर में ‘जिंदा नाच’ प्रस्तुत किया जाता था।

शहर के बदनाम मोहल्ले से लड़कियां आती थीं और नृत्य प्रस्तुत करती थीं। आज के ‘आइटम’ का आदी स्वरूप उस दौर का ‘जिंदा नाच’ ही था। आजकल लोकप्रिय आइटम सितारे पांच सितारा होटल में ‘जिंदा नाच’ प्रस्तुत करते हैं।

डायबिटीज से बचना है तो

नई दिल्ली. lifestyle रोजमर्रा की जिंदगी में काम के बोझ से दबे युवाओं को डायबिटीज से निबटने के लिए दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय वजन घटाने और अपनी जीवनशैली बदलने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। यह सलाह सर गंगाराम अस्पताल के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना आर्य ने दी।

डॉ. आर्य ने कहा कि दवाओं को तो आखिरी विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि शरीर को छरहरा और चुस्त-दुरुस्त बनाने व व्यायाम पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, खासतौर पर बच्चों को।

इंद्रप्रस्थ अपोलो के डॉ.एसके वांगू के अनुसार, ‘दफ्तर में घंटों गुजार देने वाले आज के कामकाजी युवाओं को शारीरिक व्यायाम की फुर्सत ही नहीं है। ऐसे में डॉक्टर उन्हें डायबिटीज से बचाने के लिए ‘मेटफोमिन’ जैसी प्रतिरोधक दवाओं के सेवन का परामर्श देते हैं। ये दवाएं इंसुलिन के संवेदक एजेंट के रूप में डायबिटीज के खतरे को कम कर देती हैं’।

बढ़ता खतरा डायबिटीज का : डॉक्टरों के अनुसार युवा पीढ़ी टाइप-टू डायबिटीज का शिकार हो रही है। इसकी वजह तेजी से बदलती जीवनशैली है। घर के बाहर खाना, जंकफूड और भोजन का कोई निश्चित समय न होने से डायबिटीज के लिए शरीर में अनुकूल स्थिति बन जाती है। शराब और सिगरेट का नियमित सेवन करने से तो डायबिटीज से जुड़ी समस्याएं और भी गंभीर हो जाती हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि शहरी जीवनशैली में बदलाव नहीं लाया गया तो आने वाले समय में डायबिटीज की समस्या और गंभीर होगी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2006) के अनुसार देश में 35 से 49 साल के दो फीसदी से ज्यादा पुरुष और महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हैं।

भगवान शुक्र है इस बार शतक बना सका: सचिन

sachinसिडनी: मास्टर ब्लॉस्टर सचिन तेंडुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले काफी समय से चल रहे 90 के फेरे से निकलने पर राहत की सांस ली है। वर्ष 2007 में उन्होंने शतक बनाने के 9 मौके गंवाए। इस दौरान वन डे में वे 3 बार तो 99 के स्कोर पर आउट हुए थे।

सचिन ने मैच के बाद कहा कि सिडनी में शतक पूरा करने पर उन्होंने राहत की सांस ली है। बीते साल उन्होंने 8-9 शतक बनाने के मौके गंवाए। शतक के बाद अपनी खुशी का पूरे जोशों खरोश से इजहार करने वाले सचिन ने स्वीकारा कि उन्होंने हरभजन से शतक तक पहुंचने के लिए दो रन तेजी से पूरा करने के लिए कहा था।

हालांकि उन्होंने कहा कि शतक से ज्यादा उन्हें भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने की खुशी है। 69 रन की बढ़त हासिल करने के बाद अब उनकी टीम बेहतर स्थिति में है। सचिन ने कहा कि उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा और सही गंेदों का चुनाव करके ही शॉट खेले। उन्होंने आठवें विकेट के लिए हरभजन सिंह के साथ 129 रन जोड़कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में मदद की।

भज्जी पर था भरोसा: सचिन ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि हरभजन आज रन बनाएंगे। अगर आप निचले क्रम के बल्लेबाजों में आत्मविश्वास भरते हैं तो वे भी रन कर सकते हैं।

क्यों नहीं बचाया निचले क्रम के बल्लेबाजों को: सचिन ने अपनी पारी के दौरा निचले क्रम के बल्लेबाजों को दूसरे छोर में रखने का कोई प्रयास नहीं किया। इस पर उन्होंने कहा कि ऑसी क्षेत्ररक्षण पूरी तरह से उन्हें ध्यान में रखकर लगाया गया था। वे गलत शॉट खेलकर विकेट नहीं गंवाना चाहते थे, लिहाजा उन्होंने निचलेक्रम के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका दिया।

मेलबोर्न में अधिक आक्रमक क्षेत्ररक्षण था: सचिन ने सिडनी की पारी की मेलबोर्न में खेली गई पारी से तुलना करते हुए कहा कि पहले टेस्ट में क्षेत्ररक्षण बेहद आक्रमक था, इसलिए उन्होंने वहां तेज पारी खेली। यहां क्षेत्ररक्षक रन बचाना चाहते थे। स्पिनर दिखा सकते हैं कमाल: सचिन ने शेष दो दिनों के खेल पर कहा कि पिच पर काफी उछाल और घुमाव मौजूद है। यहां से स्पिनर बल्लेबाजों को अधिक परेशानी में डालेंगे।

सचिन का भी सिडनी में तीसरा शतक

सिडनी: वीवीएस लक्ष्मण के बाद उनके साथी खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर ने भी सिडनी क्रिकेट मैदान में अपना तीसरा शतक ठोंका। सिडनी में अपने कैरियर का चौंथा टेस्ट मैच खेलते हुए सचिन ने अपने तीनों शतक अविजित रहते हुए बनाए हैं। वे अब तक इस मैदान में 302 के औसत से 604 रन बना चुके हैं। इस दौरान वे 148*,45,4,241*,60* और 154 रन की पारी खेल चुके हैं। क्रिकेट इतिहास में शायद ही किसी अन्य बल्लेबाज ने सिडनी क्रिकेट मैदान में इतने अधिक औसत के साथ रन बनाए हों।sachin

काफी अहम है: शतक ब्रायन लारा के बाद टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले सचिन का यह शतक काफी अहम है, क्योंकि वे क्रिज पर अंतिम स्थापित बल्लेबाज के रूप में मैदान में थे। दूसरे छोर पर हरभजन ने उनका अच्छा साथ दिया। चाय के समय तक भारत का स्कोर 7 विकेट पर 424 रन था। उस समय सचिन 106 और हरभजन 41 रन अविजित थे। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के स्कोर 463 के आधार पर भारत 39 रन पीछे था।

भारत को मिली 69 रन की बढ़त

सिडनी.भारत ने सचिन के शानदार अविजित 154 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया पर 69 रनों की बढ़त बनाकर उसके स्वीट सिस्टिन डबल की संभावनाओं को करारा आघात पहुंचाया है। मेहमान टीम सचिन के अतिरिक्त गांगुली(67) और हरभजन(63) की शानदार पारियों की मदद से 532 रनों के योग तक पहुंचने में सफल रही। जवाब में खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी नुकसान के 13 रन बना लिए हैं।

इससे पहले भारत ने कल के स्कोर 3 विकेट पर 216 रन से आगे खेलना प्रारंभ किया। गांगुली ने अपना आक्रमक रुख आज भी बरकरार रखा। उन्होंने हॉग की गेंद पर एकमात्र गलत शॉट पर विकेट गंवाने से पहले सिर्फ 78 गेंदों पर 67 रन की पारी खेली। उनके आउट होते ही भारतीय मध्यक्रम बिखर गया। युवराज(12) और धोनी(02) का खराब फार्म जारी रहा। ब्रेट ली ने इन दोनों के साथ कप्तान अनिल कुंबले(02) को भी चलता कर दिया। इसके बाद हरभजन ने सचिन का बखूबी साथ निभाते हुए भारत को अनापेक्षित बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। दोनों के बीच आठवें विकेट के लिए रिकार्ड 129 रनों की भागीदारी हुई।

इस बीच सचिन ने अपने कैरियर का 38 वां शतक पूरा किया। इससे पहले वे वन डे और टेस्ट दोनों में कई बार शतक बनाने का अवसर गंवा चुके थे। हरभजन के बाद ईशांत शर्मा ने भी 23 रन की जोरदार पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया की ओर से ली ने 119 रन देकर 5 विकेट लिए। ।

Wednesday, January 2, 2008

मामूली गिरावट के बाद शेयर बाजार बंद

मुंबई.Sensexबांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज मामूली गिरावट के बाद 9.77 अंक नीचे गिरकर 20206.95 अंकों पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.80 अंक की गिरावट के बाद 6079.70 अंकों पर बंद हुआ। बेनजीर भुट्टो की हत्या और उसके बाद पाकिस्तान के बड़े शहरों में हुई हिंसा से दक्षिण एशिया में हालात बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई थी जिसके बाद कल अमेरिकी शेयर बाजार और आज ज्यादातर एशियाई बाजार लुढ़क गए।

शुरुआती कारोबार
बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 144 अंक नीचे खुलने के बाद संभल गया। दिन के 10.15पर सेंसेक्स 18 अंकों की बढ़त के साथ 20234.72 अंकों पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 58 अंकों की गिरावट पर खुलने के बाद २.८५ अंक ऊपर 6084.35 अंकों के स्तर तक पहुंच गया था।

वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के कारण सेंसेक्स में यह गिरावट देखी गई। हालांकि बाद में निचले स्तर पर हुई खरीदारी के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में सुधार आया।

क्या कहते हैं टैरो कार्ड

2008 क्या कहते हैं टैरो कार्ड मुंबई की मशहूर इंटरनैशनल टैरो कार्ड रीडर डॉ. रूपा पटेल नए साल में बता रही हैं कि कार्डस आपके कितने फेवर में हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि 2008 आपके लिए क्या नया लेकर आया है और इसे बेहतर बनाने के लिए आपको क्या सावधानियां बरतनी होंगी। वुमन भास्कर के माध्यम से आगे भी हम बताते रहेंगे कि आप किस तरह टैरो कार्डस को मेडीटेशन और क्रिस्टल को सेल्फ हीलिंग के लिए उपयोग में लाकर ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकती हैं।

एरिस द फूल- 21 मार्च से 20 अप्रैल

इस साल फोकस फायनेंस पर है। वैसे आप अच्छा कमा रहीं है लेकिन फिर भी कुछ है जिससे संतुष्ट नहीं है। कार्डस आपसे कह रहा है कि अपने भीतर झांके और पता लगाएं कि आखिर ये खालीपन क्यों है। इस भ्रम को दूर करते ही आप पाएंगी कि यह साल आपके लिए बहुत संतुष्टि लेकर आया है। एक खास लाईफ स्टाइल से बंधकर आपको ऐसा लगेगा कि आपको अब इसी तरह जिंदगी बीताना है। रोमांस के मामले में आप आगे बढ़ने का सोच सकती है। परिवार में सुरक्षित और खुश रहेंगी।

टॉरस द जजमेंट- 24 अक्टूबर से 22 नवंबर

इस साल आप स्थिर रहेंगी और किसी बड़ी समस्या से छुटकारा पाएंगी, जो आपको बहुत समय से परेशान कर रहीं है। रोमांस के क्षेत्र में आप बातचीत करें चीजों को संभालेंगी, जो कि बहुत जरूरी है। इस साल आपको फोकस पैसा कमाना रहेगा, और आप यह पूरा भी कर पाएंगी। पैसो की वजह से संबंधों में गड़बड़ी न आने दें। बहुत समय बाद परिवार में खुशहाली का माहोल बनेगा। थोड़ा अपनी नकारात्मक भावनाओं पर कंट्रोल करें, सब ठीक होगा।

जेमिनि द लवर्स- 21 मई से 22 जून

गलत दिशा में तो नहीं पर इस साल आप बेचैन रह सकती है। कई स्थितियां आपके सामने है और आप किसी निर्णय पर पहुंचना चाहती है। रोमांस तो फूलेगा-फलेगा, बढ़ेगा। इसे विवाह में बदलने की कोशिश दिख रहीं है पर शायद अभी ऐसा न हो पाए। फायनेंस में आपको सही दिशा मिलने की जरूरत तो है पर आप सुरक्षित है। धीरे-धीरे स्थिति सुधरेगी। आपके पारिवारिक संबंधों की बेहरती के लिए प्रयास करने होंगे। इस साल आपको मजबूत और सही रिलेशन बनाने के लिए कोशिशों में जुटना होगा।

लियो द स्ट्रैंथ- 22 जुलाई से 23 अगस्त

यह साल आपके लिए अच्छा है। भले ही यह फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स से शुरू हुआ हो लेकिन यह खत्म उपायों और जीतों से होगा। आप बहुत कठिन परिस्थितियों से गुजरी है लेकिन अब ये खत्म हो गई है। रोमांस के क्षेत्र में आप सपनों के व्यक्ति से मिल सकती है, हो सकता है कि आप शादी का भी निर्णय लें। फाइनेंशियली एक नया और बढ़िया मौका आपकी नई शुरूआत के इंतजार में है। आप स्वयं इससे चौंक जाएंगी। भाग्य आपके साथ है। परिवार में बस संबंधियों से दूसरी बनाकर रखें। भावनात्मक रूप से ज्यादा न जुड़े।

वर्गो द हरमिट- 24 अगस्त से 23 सितंबर

एक नई शुरुआत शुरू हो गई है लेकिन इसे प्रत्यक्ष होने में और जो आप चाहती है उसे पाने में थोड़ा समय लगेगा। यह साल अध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने का है। यह आपके उज्वल भविष्य को यथार्थ में लगाएगा, जिसका आप बहुत समय से इंतजार कर रहीं है। रोमांस के क्षेत्र में ध्यान रखें कि कोई मिस अंडरस्टैंडिंग न हो, कोई अपरिपक्व (बचकानी) रिएक्शन न लें। यह आपकी रिलेशनशीप को बर्बाद कर सकता है।

लिब्रा द जस्टिस-24 सितंबर से 23 अक्टूबर

यह साल बदलावों का साल होगा। इसका मतलब यह नहीं कि कुछ नेगेटिव होने वाला है। चीजें बहुत ही पॉजीटीव होगी लेकिन उसके फायदों को महसूस करने के लिए आपको उनका सामना करना होगा। रोमांस के मामले में थोड़ी अनिश्चितता रहेगी, जो कि आने वाले साल को बेहतर बनाएगा। फाइनेंशियली रूकावटें है जो आपको हैंडल करनी होगी। आपको आत्मनिर्भर होने की जरूरत है।

सैजिटेरियस द मैजिशियन- 23 नवंबर से 22 दिसंबर

दृढ़ निश्चय के साथ सफलता पाना ही इस साल आपकी मुख्य सोच है। सही काम और उसके लिए सही सोच, इन दोनों को मिलाकर ही आप कुछ ऊंचाई पा सकती हैं। इसलिए बेकार की बातों में न उलझंे। रोमांस में नए अवसर तो मिलेंगे लेकिन आपको ही सही व्यक्ति का चुनाव करना होगा। पूरा ध्यान लगाने और भरपूर कोशिशों के बाद आपको फाइनेंस के क्षेत्र में कुछ मिलने की संभावना है। परिवार में जायदाद के हक और इसके बंटवारे को लेकर समस्या आ सकती है।

कैप्रिकॉन द हैरोफेन- 23 दिसंबर से 20 जनवरी

अपने बचकाने व अपरिपक्व इमोशंस को एक ओर कर दें और इस साल केवल सफल होने के बारे में सोचें। रोमांस के क्षेत्र में आपको न्याय मिलेगा। यदि आपके प्यार ने आपके साथ कुछ बुरा किया तो वह अपना स्वभाव बदलेगा और अपनी गलती मानेगा।

फाइनेंशियली यदि आप कम आवेगशील रहीं और दूसरों की मददगार रहीं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। पारिवारिक मामले में आपकी नई कोशिश, अच्छे रिजल्ट देगीं। इस साल जायदाद के मामलों में भी सफलता मिलेगी।

एक्वेरियस द स्टार- 21 जनवरी से 19 फरवरी

सफलता के लिए आपको उन विकल्पों पर गौर करना होगा जिनकी मदद से आप डिसीजन लेना चाहती है। स्वभाव में बदलाव और समझौता आपको अच्छी चीजों की ओर बढ़ाएगा। रोमांस के क्षेत्र में आपको बहुत सावधानी से चलना होगा।

कैंसर द मून- 23 जून से 22 जुलाई

इस साल आपको दैवीय न्याय का अनुभव होगा। यह साल कई चीजें सीखने और आगे बढ़ने का है। रोमांस के मामले में सही रास्ता पकड़ने और उस पर चलने की हिम्मत जुटाने की जरूरत है, तभी आप संबध गहरे कर पाएंगी।

स्कॉरपियो द एम्परर - 21 अप्रैल से 20 मई

इस साल किसी भी भ्रम के परे हटकर देखें। किसी भी बेकार की कल्पना से न जुड़े और जो आप पाना चाहती है, उसके लिए कड़ी मेहनत करें। भाग्य में रोमांस की स्थिति अच्छी है। यह और बेहतर होगी। साथी से अंडरस्टैडिंग बढ़ेगी, सहमति बनेगी।

पाइसेस द हाई प्रिस्टर्स-20 फरवरी से 20 मार्च

इस साल रोमांस आपके लिए मुख्य रहेगा। आप एक बहुत ही उत्साह से भरें टॉल, डार्क और हैंडसम आदमी से मिल सकती है। वह थोड़ा शॉर्ट टेम्पर्ड लेकिन साफ दिल का होगा। वह आपकी जिंदगी में खुशियां लाएगा।

हनुमान रिटर्न्‍स को एजुकेशनल सर्टिफिकेट

इस हफ्ते प्रदर्शित होने जा रही परसेप्ट पिक्चर कंपनी की फिल्म ‘हनुमान रिटर्न्‍स’ को सेंसर बोर्ड की ओर से एजुकेशनल सर्टिफिकेट दिया गया है। बॉलीवुड के इतिहास में हनुमान रिटर्न्‍स को एजुकेशनल सर्टिफिकेटसंभवत: यह पहली बार है जब किसी व्यावसायिक फिल्म को एजुकेशनल सर्टिफिकेट दिया गया है। इस सर्टिफिकेट की वजह से फिल्म के टैक्स फ्री होने का रास्ता खुल गया है। अपनी इस फिल्म को एजुकेशनल सर्टिफिकेट मिलने से परसेप्ट काफी उत्साहित है।

इस संदर्भ में फिल्म व्यवसाय के विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसर बोर्ड की ओर से व्यावयासिक फिल्मों को ‘ए’, ‘यूए’ या ‘यू’ सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। एजुकेशनल सर्टिफिकेट सिर्फ डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को ही दिया जाता है। पहली बार सेंसर बोर्ड की ओर से किसी व्यावसायिक फिल्म को इस तरह का सर्टिफिकेट दिया गया है।

इस बारे में परसेप्ट के सीईओ शैलेंद्र सिंह का कहना है कि फिल्म के क्लाइमैक्स में हमने ग्लोबल वार्मिग का मुद्दा उठाया है, जो बच्चों के साथ-साथ समस्त मानव जाति से जुड़ा हुआ है। मुझे लगता है कि इसी वजह से हमें यह सर्टिफिकेट दिया गया है।

Tuesday, January 1, 2008

आम आदमी का भरोसा, लोकतंत्र की जीत

भास्कर विशेष.somnath देश की आजादी की पहली अर्धशताब्दी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यही रही कि हमने संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को इसकी समस्त कमियों के बावजूद अब तक बनाए रखा है। आज वैश्विक समुदाय में हमारी अपने लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के साथ-साथ एक समावेशी व आधुनिक सामाजिक व्यवस्था को स्थापित करने की वजह से अलग पहचान है।

हालांकि हमें अब भी इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि विकास के मोर्चे पर ऐसी कई चुनौतियां हैं, जिनसे निपटना बाकी है। लोकतंत्र के मायने निश्चित तौर पर लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना है।

‘सबके लिए स्वास्थ्य, सबके लिए शिक्षा, सबके लिए घर, सबके लिए रोजगार और सबके लिए सुरक्षा’ ही लोकतंत्र का अंतिम लक्ष्य है। इस लक्ष्य को केवल तभी हासिल किया जा सकता है, जब सत्ता प्रतिष्ठान में समाज के सभी वर्गो का उचित प्रतिनिधित्व हो।

हमारे लोकतंत्र के लिए आज सबसे बड़ी चुनौती यही है कि इसे आम आदमी के लिए प्रासंगिक कैसे बनाया जाए। इस लिहाज से महात्मा गांधी का एक मार्गदर्शक सिद्धांत लोकतंत्र के बारे में यह विचार था कि सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए भी सबसे ताकतवर व्यक्ति के समान अवसर होने चाहिए। इसलिए निर्णय लेने की प्रक्रिया को और अधिक समावेशी किया जाए जहां आम आदमी अपने जीवन संवारने के हिसाब से निर्णायक मत दे सके।

इसके लिए लोगों को नस्ल, जाति, वर्ग और लिंग के आधार पर होने वाले विभेदीकरण से मुक्त करना होगा। अमीरों और गरीबों, सुविधा-संपन्न और अभावग्रस्त लोगों के बीच बढ़ती खाई से हमारा लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा, बल्कि यह तो सिर्फ हमारे सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक तंत्र को अंदर ही अंदर खोखला करेगा।

आज लगता है कि हर कोई सैद्धांतिक रूप से इस बात के महत्व को समझ चुका है कि हमें अपनी संसद और विधायिकाओं में ज्यादा महिला सदस्यों की जरूरत है। यदि इसको लेकर कहीं कोई मतभेद हैं तो केवल इस बात को लेकर कि यह लक्ष्य कैसे पाया जाए। महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने के लिहाज से यह बहुत जरूरी है कि हम उनके नागरिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर भी विचार करें।

हमारे लोकतंत्र के समक्ष एक और बड़ी चुनौती यह है कि हम अपने जस्टिस डिलेवरी सिस्टम को और प्रभावी कैसे बनाएं। इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षित रखने और उन्हें आगे बढ़ाने में न्यायिक तंत्र की महती भूमिका है। आज भी धीमी न्याय प्रक्रिया के चलते लंबित केसों की बढ़ती ऐसे कई मसले होते हैं जहां आम आदमी को न्याय नहीं मिल पाता।

आदर्श तौर पर देखा जाए तो लोक संबंधी मामलों का प्रबंधन उन्हीं संस्थाओं के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए, जिन्हें संविधान ने इसके लिए जवाबदेह बनाया है और जिसके लिए, समग्र तौर पर वे ही लोगों के प्रति जिम्मेदार हैं। यह जवाबदेही ही है जो लोकतंत्र को बाकी शासन प्रणालियों से अलग करती है।

हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के तौर-तरीकों को लेकर जिस तरह हमारे लोगो में संदेह बढ़ता जा रहा है, हमारी संसद को इसका भी संज्ञान लेना होगा। देश के बाकी किसी भी संवैधानिक निकाय से ज्यादा यह संसद पर निर्भर है कि वह लोकंतत्र के प्रति लोगों का भरोसा बनाए रखे जो कि नागरिकों की जरूरतों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील तंत्र है।

सूचना के अधिकार, जिसे अब वैधानिक तौर पर मान्यता मिल गई है को बुनियादी सशक्तीकरण का औजार बनाना चाहिए, जो भ्रष्टाचार और शोषण के विरुद्ध भी काम करे। जैसा कि कहा गया है कि गुप्त जगहों से ही भ्रष्टाचार फलता-फूलता है।

लोकतंत्र की गुणवत्ता पर गौर करते हुए यह देखना चाहिए आम आदमी की चिंताओं को समझने के लिहाज से लोकतंत्र किस हद तक सफल हुआ है। हम में से से हर कोई यह मानता है कि समग्र विकास के अपने लक्ष्य को पाने के लिए अभी हमें लंबा सफर तय करना है।

अपने देश में हम जो कुछ भी पा सके हैं, यह सब कुछ लोकतांत्रिक ढांचे के तहत काम करके ही हुआ है। आज हमारे देश में कई युवा और जोशीले सांसद हैं जो हमारे दूसरे सांसदों से प्रतिभा के मामले में कम नहीं हैं। मौजूदा भारत की सबसे बड़ी पूंजी इसके युवा हैं जो हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं। समय की यही दरकार है कि हमारी राजनीतिक प्रक्रियाओं से युवाओं का भरोसा उठने न पाए।

दिलाई भारत को जीत

पर्थ.sania भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा व उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना ने हॉपमैन कप टेनिस के मिश्रित युगल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की एलिसिया मोलिक व पीटर लुकजेक की जोड़ी को 77 मिनट तक चले मुकाबले में 2-6, 6-4, 6-7 (11/13) से पराजित कर ग्रुप ‘ए’ में पहली जीत दर्ज की।

इस जीत के साथ भारतीय जोड़ी ने टूर्नामेंट में अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा है। भारतीय टीम उद्घाटन मुकाबले में अमेरिका से पराजित हो गई थी। इससे पूर्व सानिया ने सिंगल्स मुकाबले में मोलिक की चुनौती को तोड़ते हुए 2-6, 6-2, 6-४ से जीत हासिल कर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई। हालांकि बोपन्ना दुर्भाग्यशाली रहे और पुरुषों के सिंगल्स मुकाबले में लुकजेक के खिलाफ 7-6, 6-3 से मैच गंवा बैठे।

मलेक ने नाकामुरा को हराया
गोल्ड कोस्ट में जर्मन खिलाड़ी तात्जाना मलेक ने जापान की अकीको नाकामुरा को गोल्ड कोस्ट ओपन में 7-5, 6-4 से शिकस्त देकर चौथे दौर में प्रवेश कर लिया। मलेक ने मजबूत जापानी प्रतिद्वंद्वी को एक घंटा 27 ंिमनट में स्पर्धा से बाहर कर दिया। मलेक ने मैच में दो एस लगाए और एकमात्र डबल फाल्ट किया।

जर्मन खिलाड़ी ने मैच में बेहतर सर्व और शक्तिशाली रिटर्न करते हुए नाकामुरा को हावी नहीं होने दिया। पहले सेट में 5-5 की बराबरी से उबरते हुए मलेक ने लगातार दो गेम अपने नाम किए और सेट 7-5 से हासिल किया। अगले सेट में जापनी खिलाड़ी का प्रतिरोध कम हो गया और वे महज तीन गेम ही अपने नाम कर पाईं।

सेलीना नए अंदाज में

कमcelina कपड़ों में सिल्वर स्क्रीन पर नजर आने वाली अभिनेत्री सेलिना ‘गोलमाल रिटर्न्‍स’ में भारतीय पारंपरिक परिधान साड़ी पहनकर एक ब्राrाण महिला का किरदार निभाने जा रही हैं।

हमेशा ग्लैमरस किरदार निभाने वाली अभिनेत्री सेलिना जल्द ही एक फिल्म में तमिल ब्राrाण महिला के रूप में नजर आएंगी। पहले उन्होंने कभी इस तरह का पारंपरिक किरदार नहीं निभाया था। यह पहला मौका है, जब वे ब्राrाण महिला का किरदार निभाने जा रही हैं।

सेलिना का कहना है कि वे कुछ अलग करने की इच्छा रखती हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस किरदार के लिए हामी भर दी ताकि वे सिर्फ ग्लैमरस छवि में कैद होकर न रह जाएं। रोहित शेट्टी की फिल्म ‘गोलमाल रिटर्न्‍स’ में सेलिना को अपने लिए यह प्रयोग करने का मौका मिल रहा है। सेलिना ने स्वयं भी इस खबर को सच बताया है कि पहली बार वे पूरी तरह से पारंपरिक भारतीय परिधान साड़ी पहनकर एक घरेलू महिला का किरदार निभा रही हैं।

अभिनेता श्रेयस तलपड़े इस फि ल्म में उनके पति का किरदार निभा रहे हैं। अपने किरदार के बारे में सेलिना का कहना है कि यह उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है। वे लंबे समय से इसी प्रतीक्षा में थीं कि उन्हें कुछ अलग हटकर करने को मिले और अब उनकी ख्वाहिश पूरी हो गई है। उन्हें उम्मीद है कि दर्शक नए रूप में उन्हें देखकर जरूर खुश होंगे और वे भी पूरी कोशिश कर रही हैं कि अपने किरदार में जान ला सकें।

अब Hindi का जवाना है

Name:
Email:
Comment: