भगवान शुक्र है इस बार शतक बना सका: सचिन

सिडनी: मास्टर ब्लॉस्टर सचिन तेंडुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले काफी समय से चल रहे 90 के फेरे से निकलने पर राहत की सांस ली है। वर्ष 2007 में उन्होंने शतक बनाने के 9 मौके गंवाए। इस दौरान वन डे में वे 3 बार तो 99 के स्कोर पर आउट हुए थे।
सचिन ने मैच के बाद कहा कि सिडनी में शतक पूरा करने पर उन्होंने राहत की सांस ली है। बीते साल उन्होंने 8-9 शतक बनाने के मौके गंवाए। शतक के बाद अपनी खुशी का पूरे जोशों खरोश से इजहार करने वाले सचिन ने स्वीकारा कि उन्होंने हरभजन से शतक तक पहुंचने के लिए दो रन तेजी से पूरा करने के लिए कहा था।
हालांकि उन्होंने कहा कि शतक से ज्यादा उन्हें भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने की खुशी है। 69 रन की बढ़त हासिल करने के बाद अब उनकी टीम बेहतर स्थिति में है। सचिन ने कहा कि उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा और सही गंेदों का चुनाव करके ही शॉट खेले। उन्होंने आठवें विकेट के लिए हरभजन सिंह के साथ 129 रन जोड़कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में मदद की।
भज्जी पर था भरोसा: सचिन ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि हरभजन आज रन बनाएंगे। अगर आप निचले क्रम के बल्लेबाजों में आत्मविश्वास भरते हैं तो वे भी रन कर सकते हैं।
क्यों नहीं बचाया निचले क्रम के बल्लेबाजों को: सचिन ने अपनी पारी के दौरा निचले क्रम के बल्लेबाजों को दूसरे छोर में रखने का कोई प्रयास नहीं किया। इस पर उन्होंने कहा कि ऑसी क्षेत्ररक्षण पूरी तरह से उन्हें ध्यान में रखकर लगाया गया था। वे गलत शॉट खेलकर विकेट नहीं गंवाना चाहते थे, लिहाजा उन्होंने निचलेक्रम के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका दिया।
मेलबोर्न में अधिक आक्रमक क्षेत्ररक्षण था: सचिन ने सिडनी की पारी की मेलबोर्न में खेली गई पारी से तुलना करते हुए कहा कि पहले टेस्ट में क्षेत्ररक्षण बेहद आक्रमक था, इसलिए उन्होंने वहां तेज पारी खेली। यहां क्षेत्ररक्षक रन बचाना चाहते थे। स्पिनर दिखा सकते हैं कमाल: सचिन ने शेष दो दिनों के खेल पर कहा कि पिच पर काफी उछाल और घुमाव मौजूद है। यहां से स्पिनर बल्लेबाजों को अधिक परेशानी में डालेंगे।
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