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Tuesday, January 29, 2008

लाइसेंस बनवाने में नहीं कोई ब्रेक

इंदौर.in यदि आपकी उम्र कम है फिर भी लाइसेंस की चाहत है तो कोई दिक्कत नहीं। इसके लिए बस एक शपथ पत्र की जरूरत है। पते और अन्य कागजात के लिए दस्तावेज न भी हो तो चलेगा। आखिर एजेंट किस मर्ज की दवा है.. इंदौर में हर माह बनने वाले चार हजार लाइसेंस में से ज्यादातर लाइसेंस बिना यातायात नियम के परीक्षण और ट्रायल की औपचारिकताओं के एजेंट ही बनवा रहे हैं।

वे स्कूलों से लर्निग लाइसेंस बनवाकर ला देते हैं, आवेदक को जाने की जरूरत ही नहीं है। अब रही बात लाइसेंस पक्के करवाने की तो आरटीओ में यह काम भी बिना औपचारिकताओं के ही हो जाता है। हां इसके लिए जेब ज्यादा ढीली करना होगी। मिलीभगत से बने इन लाइसेंस में से कइयों के रिकॉर्ड नहीं हैं तो कइयों की फीस नहीं। हद तो तब हो गई जब स्कूलों से ट्रैक्टर और हैवी व्हीकल के लाइसेंस जारी हो गए।

विदेशों में सबसे मुश्किल है लाइसेंस बनना। दक्षिण भारत, हैदराबाद, पुणो, नासिक, दिल्ली-मुंबई में भी लाइसेंस बनवाने में लोगों को यातायात नियम की जानकारी और कई तरह के टेस्ट के बाद लाइसेंस के बाद ही दिया जाता है लेकिन इंदौर में यह काम बड़ा आसान है। भारत की नागरिकता के लिए लाइसेंस एक पहचान पत्र है। जुलाई-07 में जब से लाइसेंस प्रक्रिया के सरलीकरण के तहत स्कूलों को लर्निग लाइसेंस बनाने का अधिकार दिया है, समस्या दोगुना हो गई है।

स्कूलों से बिना किसी यातायात नियम के परीक्षण के धड़ल्ले से थोकबंद लर्निग लाइसेंस जारी हो रहे हैं। एजेंट ही लर्निग लाइसेंस बनवाकर ला देते हैं, आवेदक को जाने की जरूरत ही नहीं है। पहले विजयनगर के आरटीओ में कम्प्यूटर पर प्रश्नों के सही जवाब देने पर ही लर्निग लाइसेंस बनता था पर अब वहां गिनेचुने लोग आते हैं।

लाइसेंस पक्के तो आरटीओ अधिकारी ही करते हैं पर यहां भी ज्यादातर बिना औपचारिकताओं के ही हो जाते हैं। अधिकारियों का कहना है ट्रायल के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक नहीं है, स्टाफ भी कम है। एक आरटीआई है जो ट्रायल की औपचारिकताएं पूरी करता है।

मुझे ठीक सुनाई नहीं दिया

एडिलेड: आखिरकार बीसीसीआई ने प्रतिष्ठा की लड़ाई जीत ली है। हरभजन सिंह को आईसीसी के अपीलीय जज जॉन हैनसन ने नस्लीय टिप्पणी के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया है। इसमें बोर्ड ने हर संभव प्रयास किया। पहले ब्रेड हॉग के खिलाफ की गई शिकायत वापस लेकर मेजबान पर नैतिक दबाव बनाया,फिर बोर्ड के प्रमुख अधिकारी आईएस बिंद्रा ने ऑस्ट्रेलिया पहुंच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया(सीए) और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनसे भज्जी के खिलाफ लगे आरोपों को हटाने का आग्रह किया।bindra

इस पर भी उसे अपनी बात बनने में शंका हुई तो उसने सोमवार को फिर सिरीज से लौटने की धमकी का भी सहारा ले डाला। भज्जी मामले में आज के घटनाक्रम में एक नजर:

सायमंड्स का यू टर्न : symondsइस मामले में चौकाने वाली बात यह रही कि भज्जी पर नस्लभेद का आरोप लगाने वाले एंड्र्यू सायमंड्स ने न्यायमूर्ति हेंसन के सामने कहा कि वास्तव में उन्हें कुछ साफ-साफ सुनाई नहीं दिया था। सुनवाई के दौरान स्टंप माइक्रोफोन के स्क्रिप्ट को पेश करने की जरूरत ही महसूस नहीं की गई।

धारा 3.3 के बदले की गई धारा 2.8 के तहत कार्रवाई : हरभजन पर आईसीसी की कठोर धारा 3.3 के बदले नरम धारा 2.8 के तहत कार्रवाई की गई। पहले हरभजन पर धारा 3.3 के तहत तीन टेस्ट मैच खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन मंगलवार को न्यायमूर्ति जॉन हेंसन ने सुनवाई के बाद उन पर धारा 2.8 के अंतर्गत कार्रवाई की। इस धारा के अनुसार खिलाड़ी पर दो वनडे मैचों या 1 टेस्ट मैच के खेलने पर प्रतिबंध का प्रावधान है, लेकिन भज्जी पर केवल 50 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाने निर्णय सुनाया गया। harbhajan

दोनों कप्तानों ने दी लिखित में सहमति-पत्र : हेंसन के सामने दोनों टीम के कप्तानों ने एक पत्र पेश किया। इसमें कहा गया है कि हरभजन सिंह ने नस्लभेदी टिप्पणी नहीं की थी। इसमें स्वीकार किया गया है कि हरभजन ने कुछ ‘अपशब्द’ कहे थे। इस पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग, एंड्र्यू सायमंड्स, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, सचिन तेंडुलकर और टीम इंडिया के मैनेजर चेतन चौहान के हस्ताक्षर थे।

बोर्ड ने अख्तियार किया था कड़ा रुख : इस मामलें में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर के फैसले के खिलाफ हरभजन की ओर से अपील की थी। बीसीसीआई ने कड़ा रुख अख्तियार किया था और साफ कह दिया था कि भारत का कोई भी खिलाड़ी नस्लभेदी हरकत कर नहीं सकता और इस ‘कलंक’ के साथ टीम का दौरा जारी नहीं रख जा सकता है।

बकनर को हटाया था आईसीसी ने : अंपायर स्टीव बकनर को सीरीज से हटाए जाने और हरभजन को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक प्रतिबंध से छूट मिलने के बाद भारत ने दौरा जारी रखने का फैसला किया था। फिर भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि हरभजन की अपील खारिज किए जाने की स्थिति में भारतीय टीम दौरे के बीच से ही स्वदेश लौट सकती है।

बोर्ड ने निर्णय का स्वागत किया : एडिलेड में सुनवाई के दौरान ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पों¨टग, सायमंड्स, मैथ्यू हेडन और माइकल क्लार्क ने इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (आईसीसी) के अपील आयुक्त न्यूजीलैंड के न्यायाधीश जॉन हेंसन के सामने सुनवाई के दौरान हरभजन पर नस्लभेदी टिप्पणी का आरोप वापस ले लिया। बोर्ड अध्यक्ष शरद पवार ने आईसीसी के इस निर्णय का स्वागत किया। पवार ने कहा, ‘आईसीसी के इस निर्णय के बाद भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा जारी रहेगा और हम क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और बीसीसीआई के वर्र्षो से चले आ रहे मधुर संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मेलबोर्न जाएगी टीम : भज्जी पर नस्लभेद का कलंक छूटने के बाद टीम इंडिया भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार को मेलबोर्न में होने वाले ट्वेंटी-20 क्रिकेट मैच के लिए बुधवार को मेलबोर्न पहुंचेगी। ट्वेंटी-20 मैच के बाद अगले माह भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच वनडे क्रिकेट मैचों की त्रिकोणीय सीरीज शुरू होगी, जिसका पहला मैच मेजबान ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच 3 फरवरी को खेला जाएगा। त्रिकोणीय सीरीज का फरवरी के आखिरी सप्ताह में समाप्त होगी।

ऐसा था दृश्य :sachin

* मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष क्रेग ओकोनोर एक साथ होटल से बाहर आए। इसके 15 मिनट पहले हरभजन सिंह टीम के मीडिया मैनेजर एमवी श्रीधर के साथ बाहर आ चुके थे। भज्जी के चेहरे पर जीत की खुशी झलक रही थी।

* सचिन व हरभजन ने वहां इंतजार कर रहे मीडिया प्रतिनिधियों से बात नहीं की।

* पोंटिंग, सायमंड्स, क्लार्क और मैथ्यू हेडन मीडिया से बचते हुए फेडरल कोर्ट के पिछले दरवाजे से अंदर गए।

* हेंसन अपनी एक रिपोर्ट आईसीसी को देंगे। * आईसीसी के प्रवक्ता समी-उल-हसन ने कहा कि दोनों टीमों के कप्तानों द्वारा लिखित में पेश पत्र ने हेंसन के काम को आसान कर दिया।

* सभी ने बारी-बारी से गवाही दी।

* वीआर मनोहर बतौर वकील मुंबई से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से हरभजन की ओर से जिरह की। उन्होंने सायमंड्स के कुछ सवाल भी किए।

* 5.30 घंटे हुई सुनवाई ।

‘इस निर्णय से हम बहुत खुश हैं। अब टीम इंडिया वनडे सीरीज पर ध्यान देगी ओर बुधवार को सभी खिलाड़ी ट्वेंटी-20 मैच के लिए मेलबोर्न रवाना होंगे।’निरंजन शाह, सचिव, बीसीसीआई-------

अब सारे विवाद मिट गए हैं। इस फैसले से टीम ने राहत की सास ली है। अब सभी क्रिकेट पर ध्यान देंगे।’पीटर यंग, प्रवक्ता, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया

सैफ, सारा और करीना कपूर

परदे के पीछे.saif ka करीना के साथ अपने प्रेम प्रकरण को सैफ सोलह वर्ष के लड़के की तरह अभिनीत कर रहे हैं। सुना है कि बैंकाक हवाई अड्डे पर करीना को विदा करते हुए वे सिसक-सिसककर रो रहे थे। अगर यह दृश्य फिल्म का होता तो करीना ठहाका लगातीं।

सुर्खियों में हैं सैफ और करीना की कुंडलियों का मिलान और शीघ्र विवाह की खबरें। सच्चाई यह है कि करीना के पास विवाह के लिए समय ही नहीं है। करीना हाल ही में ग्रीस से भारत लौटी हैं और अपने परिवार के साथ तीन माह बाद ही वक्त गुजार पाएंगी क्योंकि वह लद्दाख, जैसलमेर, ऑस्ट्रेलिया और ग्रीस में अपनी विभिन्न फिल्मों की शूटिंग कर रही हैं और आगे भी इसी तरह व्यस्त रहेंगी। अत: सैफ और करीना अपनी किसी फिल्म में शादी के दृश्य की शूटिंग करते हुए यथार्थ में भी विवाह कर लें, तो ही समय उपलब्ध होगा।

saraइस पूरे प्रकरण में खबर यह आई है कि सैफ की बेटी सारा ने अपने पिता को अंग्रेजी की किताब ‘किस’ भेंट की है, जिसमें कमसिन उम्र की लड़कियों से इश्क लड़ाने के पैंतरों का वर्णन है। अवाम की भाषा में कहें तो लड़की पटाने के गुर हैं, जैसे कि एन. चंद्रा की फिल्म ‘तेजाब’ में अनिल कपूर, मंदाकिनी और माधुरी पर फिल्माए गए थे।

यथार्थ की इस तथाकथित घटना को अगर फिल्माते तो इसके अटपटेपन पर संपादक के नाम पत्र छप जाते कि क्या एक पुत्री अपने पिता को इस तरह की किताब दे सकती है। इसीलिए कहते हैं कि हकीकत अफसाने से ज्यादा रोचक होती है। यह संभव है कि सारा ने हास्य के लहजे में इस तरह का काम किया हो, क्योंकि अमीर और आधुनिक वर्ग में इस तरह की बात संभव है।

सैफ और करीना की उम्र में दस या बारह साल का अंतर है और यह इतना बड़ा नहीं है कि इसे मई-दिसंबर जोड़ा कहा जाए। दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच 20 वर्ष का अंतर था। पश्चिम में इस तरह के संबंध होते हैं, क्योंकि पुरुष को कम उम्र की लड़की के नाजो-नखरे उठाने के लिए बहुत धन की आवश्यकता होती है और इतना धन कमाते-कमाते आदमी अधेड़ हो जाता है।

अधेड़ उम्र की विधवाओं के पास इतना पैसा होता है कि वे युवा लड़के को आकर्षित कर सकें। कुछ बेरोजगार युवा विवाह को व्यवसाय की तरह स्वीकार करते हैं। युवा लड़कियों के ऐसा करने को नफरत की निगाह से देखा जाता है। वह बेचारी काठ की हांडी है जो एक ही बार विवाह के चूल्हे पर चढ़ती है।

बहरहाल सैफ इस प्रेम प्रकरण को सोलह वर्ष के लड़के की तरह अभिनीत कर रहे हैं। सुना है कि बैंकाक हवाई अड्डे पर करीना को विदा करते हुए वे सिसक-सिसककर रो रहे थे। अगर यह दृश्य फिल्म का होता तो करीना ठहाका लगातीं। अधेड़ प्रेमी के रुदन पर तो ‘जब वी मेट’ की नायिका भी ठहाका लगाती।

दरअसल फिल्म उद्योग में इस तरह के अनेक सितारा प्रेम प्रकरण हुए हैं, परंतु इसमें सैफ की प्रदर्शनप्रियता, जैसे बांह पर करीना के नाम का गुदना कराना और उसे कैमरे के लेंस में धंसा देना, सारे मामले को हास्यास्पद बना रही है।

यह भौंडा प्रदर्शन ही उनकी असुरक्षा को जाहिर कर रहा है। उन्होंने अपने से बड़ी उम्र की अमृता सिंह से विवाह किया, जिसे इटालियन ‘रोजा’ के लिए तोड़ा और अब जीवन में पहली बार कम उम्र की लड़की से इश्किया रहे हैं। सैफ के लिए करीना एक दुर्लभ ट्रॉफी है, जिसे वह अपने जीवन के शोकेस में रखकर गौरवान्वित होना चाहते हैं और अपने अधेड़ होने को नजरअंदाज करना चाहते हैं।

करीना की मन:स्थिति समझने के लिए हमें अंग्रेजी के प्रथम कवि ज्योफ्री चौसर की ‘केंटरबरीटेल्स’ का सहारा लेना होगा। एक युवा योद्धा क्रोध में आकर एक नागरिक की हत्या कर देता है। रानी को उस युवा सुंदर योद्धा पर दया आती है और वह अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर उसे एक वर्ष में इस प्रश्न का सही उत्तर खोजने का समय देती है कि स्त्री को सबसे अधिक क्या पसंद है।

रानी का अनुमान था कि एक वर्ष की स्वतंत्रता का लाभ लेकर योद्धा कहीं और जा बसेगा। अंतिम दिन एक बूढ़ी औरत उसे सशर्त वही उत्तर बताती है, जो रानी ने सीलबंद कर रखा है। उत्तर था कि स्त्री को अपनी प्रशंसा सबसे ज्यादा प्यारी है। मृत्युदंड से बच गए युवा योद्धा को वादे के अनुसार उस कुरूप बुढ़िया से विवाह करना पड़ता है। मधुरात्रि पर उसके चुंबन से वह परी (बुढ़िया) शापमुक्त होती है।

लोहान का नया चक्कर!

लास एंजिलस.लिंडसे लोहान का नया चक्कर! लगता है कि हॉलीवुड एक्ट्रैस लिंडसे लोहान की जिंदगी में कोई नया साथी आ गया है। इन दिनों लिंडसे को अपने मित्र ब्रूडी जेनर के साथ हर जगह देखा जाता है। लोहान और जेनर अक्सर पत्रकारों से किनारा करते हैं। हालांकि अभी तक इन दोनों ने एक-दूसरे को लेकर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन लोहान के एक करीबी मित्र का कहना है कि वह जेनर को बहुत पसंद करती हैं। दोनों का रिश्ता दोस्ती से कुछ ज्यादा ही है।उन्हें साथ-साथ देखकर ही पता लग जाता है कि वे कितने खुश हैं।

गौरतलब है कि जेनर से पहले लोहान का नाम एड्रियन ग्रेनर के साथ जोड़ा जा रहा था।

अब Hindi का जवाना है

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