सैफ, सारा और करीना कपूर
परदे के पीछे. करीना के साथ अपने प्रेम प्रकरण को सैफ सोलह वर्ष के लड़के की तरह अभिनीत कर रहे हैं। सुना है कि बैंकाक हवाई अड्डे पर करीना को विदा करते हुए वे सिसक-सिसककर रो रहे थे। अगर यह दृश्य फिल्म का होता तो करीना ठहाका लगातीं।
सुर्खियों में हैं सैफ और करीना की कुंडलियों का मिलान और शीघ्र विवाह की खबरें। सच्चाई यह है कि करीना के पास विवाह के लिए समय ही नहीं है। करीना हाल ही में ग्रीस से भारत लौटी हैं और अपने परिवार के साथ तीन माह बाद ही वक्त गुजार पाएंगी क्योंकि वह लद्दाख, जैसलमेर, ऑस्ट्रेलिया और ग्रीस में अपनी विभिन्न फिल्मों की शूटिंग कर रही हैं और आगे भी इसी तरह व्यस्त रहेंगी। अत: सैफ और करीना अपनी किसी फिल्म में शादी के दृश्य की शूटिंग करते हुए यथार्थ में भी विवाह कर लें, तो ही समय उपलब्ध होगा।
इस पूरे प्रकरण में खबर यह आई है कि सैफ की बेटी सारा ने अपने पिता को अंग्रेजी की किताब ‘किस’ भेंट की है, जिसमें कमसिन उम्र की लड़कियों से इश्क लड़ाने के पैंतरों का वर्णन है। अवाम की भाषा में कहें तो लड़की पटाने के गुर हैं, जैसे कि एन. चंद्रा की फिल्म ‘तेजाब’ में अनिल कपूर, मंदाकिनी और माधुरी पर फिल्माए गए थे।
यथार्थ की इस तथाकथित घटना को अगर फिल्माते तो इसके अटपटेपन पर संपादक के नाम पत्र छप जाते कि क्या एक पुत्री अपने पिता को इस तरह की किताब दे सकती है। इसीलिए कहते हैं कि हकीकत अफसाने से ज्यादा रोचक होती है। यह संभव है कि सारा ने हास्य के लहजे में इस तरह का काम किया हो, क्योंकि अमीर और आधुनिक वर्ग में इस तरह की बात संभव है।
सैफ और करीना की उम्र में दस या बारह साल का अंतर है और यह इतना बड़ा नहीं है कि इसे मई-दिसंबर जोड़ा कहा जाए। दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच 20 वर्ष का अंतर था। पश्चिम में इस तरह के संबंध होते हैं, क्योंकि पुरुष को कम उम्र की लड़की के नाजो-नखरे उठाने के लिए बहुत धन की आवश्यकता होती है और इतना धन कमाते-कमाते आदमी अधेड़ हो जाता है।
अधेड़ उम्र की विधवाओं के पास इतना पैसा होता है कि वे युवा लड़के को आकर्षित कर सकें। कुछ बेरोजगार युवा विवाह को व्यवसाय की तरह स्वीकार करते हैं। युवा लड़कियों के ऐसा करने को नफरत की निगाह से देखा जाता है। वह बेचारी काठ की हांडी है जो एक ही बार विवाह के चूल्हे पर चढ़ती है।
बहरहाल सैफ इस प्रेम प्रकरण को सोलह वर्ष के लड़के की तरह अभिनीत कर रहे हैं। सुना है कि बैंकाक हवाई अड्डे पर करीना को विदा करते हुए वे सिसक-सिसककर रो रहे थे। अगर यह दृश्य फिल्म का होता तो करीना ठहाका लगातीं। अधेड़ प्रेमी के रुदन पर तो ‘जब वी मेट’ की नायिका भी ठहाका लगाती।
दरअसल फिल्म उद्योग में इस तरह के अनेक सितारा प्रेम प्रकरण हुए हैं, परंतु इसमें सैफ की प्रदर्शनप्रियता, जैसे बांह पर करीना के नाम का गुदना कराना और उसे कैमरे के लेंस में धंसा देना, सारे मामले को हास्यास्पद बना रही है।
यह भौंडा प्रदर्शन ही उनकी असुरक्षा को जाहिर कर रहा है। उन्होंने अपने से बड़ी उम्र की अमृता सिंह से विवाह किया, जिसे इटालियन ‘रोजा’ के लिए तोड़ा और अब जीवन में पहली बार कम उम्र की लड़की से इश्किया रहे हैं। सैफ के लिए करीना एक दुर्लभ ट्रॉफी है, जिसे वह अपने जीवन के शोकेस में रखकर गौरवान्वित होना चाहते हैं और अपने अधेड़ होने को नजरअंदाज करना चाहते हैं।
करीना की मन:स्थिति समझने के लिए हमें अंग्रेजी के प्रथम कवि ज्योफ्री चौसर की ‘केंटरबरीटेल्स’ का सहारा लेना होगा। एक युवा योद्धा क्रोध में आकर एक नागरिक की हत्या कर देता है। रानी को उस युवा सुंदर योद्धा पर दया आती है और वह अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर उसे एक वर्ष में इस प्रश्न का सही उत्तर खोजने का समय देती है कि स्त्री को सबसे अधिक क्या पसंद है।
रानी का अनुमान था कि एक वर्ष की स्वतंत्रता का लाभ लेकर योद्धा कहीं और जा बसेगा। अंतिम दिन एक बूढ़ी औरत उसे सशर्त वही उत्तर बताती है, जो रानी ने सीलबंद कर रखा है। उत्तर था कि स्त्री को अपनी प्रशंसा सबसे ज्यादा प्यारी है। मृत्युदंड से बच गए युवा योद्धा को वादे के अनुसार उस कुरूप बुढ़िया से विवाह करना पड़ता है। मधुरात्रि पर उसके चुंबन से वह परी (बुढ़िया) शापमुक्त होती है।
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