घर का हकीम नीम
घर का वैद्य करार दीए गए नीम में औषधीय गुणों की भरमार है इसीलीये अब इसकी पत्तीयों का इस्तेमाल विभिन्न उत्पादों में कीया जाने लगा है। घर पर भी इसके प्रयोग से काफी कुछ हासिल कीया जा सकता है।
वृक्षों में नीम ही एक ऐसा वृक्ष है जिसकी पत्ती से लेकर जड़ तक का औषधीय महत्व है। इसीलिए इसे प्राचीन समय से घर का वैद्य कहा जाता था। यही वजह है कि नीम अब सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई दवाओं, क्रीम, टूथ पेस्ट, शैम्पू तथा कीटाणुनाशकों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। नीम न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि प्रकृति को प्रदूषण से भी बचाता है।
नीम के गुण * नीम प्राकृतिक रूप से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
* इसका कड़वा स्वाद पित्त और कफ दोष में संतुलन बनाए रखता है।
* नीम की कोंपल खाने से खून साफ होता है। साथ ही यह लीवर तथा त्वचा के विषैले तत्वों को भी दूर करता है।
* सूखी खांसी होने पर नीम की पत्ती की चाय शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से राहत मीलती है।
* नीम की छाल को लौंग के साथ पीसकर उसे पेस्ट की तरह इस्तेमाल करें तो यह दांतों को कीड़े से बचाता है तथा मसूड़ों को मजबूत बनाता है। इससे सांसों में ताजगी भी बनी रहती है।
* त्वचा संबंधी समस्या होने पर नीम का तेल लगाने तथा नीम के पानी से स्नान करने से बीमारी से निजात पाई जा सकती है।
* नीम नाखून तथा बाल को भी स्वस्थ बनाता है। यह एंटीसेप्टिक भी है।
* ठंड के मौसम में नीम का पेस्ट बनाकर सीर में लगाएं तथा एक घंटे बाद धो लें। इससे रूसी का नामोनिशान मीट जाएगा तथा बाल भी नहीं झड़ेंगे।
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