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Saturday, December 15, 2007

2050: रोबोट से प्यार और सैक्स

एम्सटर्डम. मनुष्य इसी सदी के मध्य तक रोबोट से प्यार करेंगे और शादी भी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के शोधकर्ता की भविष्यवाणी है कि मैसाचुसेट्स ऐसी पहली जगह होगी, जो इन शादियों को वैध करार देगी।

robot loveनीदरलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ मैस्ट्रिक्ट के शोधकर्ता डेविड लेवी ने इस भविष्यवाणी के साथ ही हाल में मनुष्य और रोबोट के बीच रिश्तों को लेकर अपनी पीएचडी पूरी की है। इसमें उन्होंने शादी के साथ जुड़े विशेषाधिकारों और परंपराओं को भी शामिल किया है।

हालांकि लेवी कहते हैं कि रोबोट के साथ सैक्स की बातें कुछ अजीब जरूर लगती हैं, लेकिन एक बार कोई कॉसमॉस जैसी मैग्जीन में ऐसी कोई स्टोरी पढ़ लेगा तो इसे आजमाने से नहीं चूकेगा।

अपनी कृतियों से प्यार करता रहा है आदमी
मानव और उसकी कलाकृतियों या यांत्रिक कृतियों के बीच रोमांस के किस्से काफी समय पुराने हैं। इसी में एक ग्रीक मिथक भी शामिल है जिसमें एक वास्तुकार पिग्मेलियन अपने बनाई आबनूस की प्रतिमा के प्यार में पड़ गया था, जिसका उसने नाम रखा था गैलाशिया। मिथक बताता है कि देवी वीनस ने इसमें जीवन संचार किया था। लेवी का कहना है कि यह बात आज भी सच है। 40 साल पहले वैज्ञानिकों ने पाया था कि छात्र एलाइजा नाम के एक कंप्यूटर प्रोग्राम के प्रति काफी लगाव रखने लगे थे। यह प्रोग्राम स्टूडेंट्स से सवाल पूछता था और एक साइकोथिरेपिस्ट की तरह बोलता था।

robot girlलेवी कहते हैं कि रोबोट्स आदमी जैसे होने लगे हैं और वे अब मनुष्यों के काफी संपर्क में आने लगे हैं। पहले रोबोट्स का इस्तेमाल केवल फैक्टरियों में होता था, जब उनसे वाहनों को तैयार करने जैसे काम लिए जाते थे। इसके बाद उनसे मेल भेजने, लोगों को म्यूजियम्स दिखाने, घरों में वेक्यूम क्लीनर्स का काम लेने आदि के काम लिए जाने लगे। अब हमारे पास सोनी के आयबो जैसे रोबोट कुत्ते या टिकल मी एल्मोस और टैमागोचिस जैसे डिजिटल पैट मौजूद हैं।

अपनी थीसिस इंटिमेट रिलेशनशिप्स विद आर्टिफिशियल पार्टनर्स में लेवी ने कहा है कि रोबोट इतने आदमी जैसे दिखने वाले, व्यक्तित्व वाले और फंक्शन करने वाले हो जाएंगे कि मनुष्य उनसे प्रेम करने लगेगा, उनके साथ सैक्स करेगा और उनसे शादी भी करेगा। लेवी कहते हैं कि रोबोट्स से प्रेम और सैक्स की बातें पूरी तरह होकर रहेंगी।

क्यों करेगा आदमी रोबोट से प्यार
लेवी का कहना है कि साइकोलॉजिस्ट्स ने प्यार जैसी भावना के पीछे करीब एक दर्जन कारण गिनाए हैं और इनमें से तकरीबन हरेक मनुष्य के रोबोट से रिश्ते पर एप्लाई किया जा सकता है। मिसाल के लिए प्रेम में पड़ने के पीछे एक बड़ा कारण है व्यक्तित्व में समानता और ज्ञान और इसे प्रोग्राम किया जा सकता है। दूसरा कारण है कि मनुष्य सोचता है कि दूसरा व्यक्ति उसे पसंद करता है और इसे भी प्रोग्राम किया जा सकता है।

यूरोपियन रोबोटिक्स रिसर्च नैटवर्क के संस्थापक हैनरिक क्रिस्टेनसेन ने 2006 में भविष्यवाणी की थी कि पांच साल में मनुष्य रोबोट्स के साथ अपने सैक्स संबंध बना लेंगे। लेवी का कहना है कि कई कंपनी सैक्स डॉल्स पहले से ही बेच रही हैं और बस अब उनमें स्पंदन डालने के लिए कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल करना भर बाकी है।

लेवी कहते हैं कि सॉफ्टवेयर ज्यादा से ज्यादा एडवांस होता जा रहा है और मनुष्य का रोबोट से रिश्ता ज्यादा पर्सनल। 100 साल पहले विजातीय विवाह प्रतिबंधित थे। 50 साल पहले उन पर से रोक हट चुकी है। समलिंगियों में विवाह भी काफी हद तक मंजूर किए जा चुके हैं। शादी के लिए अब एक ट्रैंड बन गया है कि हर पार्टनर अपने चुनाव को जोरदार ढंग से रखने लगा है।

कहां और कब होगा यह संभव
लेवी कहते हैं कि मैसाचुसेट्स पहली जगह होगी जहां मानव के रोबोट्स के साथ शादियों को मान्यता दी जाएगी। इसकी वजह यह है कि मैसाचुसेट्स यूनाइटेड स्टेट्स के बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा उदारवादी है और समलिंगियों के मामले में भी वह चैंपियन रहा है। इसके अलावा वहां एमआईटी में ज्यादा हाईटैक रिसर्च भी चल रही हैं।

हालांकि ज्यॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी अटलांटा में रोबोटिसिस्ट रोनाल्ड आरकिन का मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि 2050 के आसपास रोबोटों के साथ शादी को कोई वैधानिक आधार मिलेगा। वह कहते हैं कि कुछ भी हो सकता है और वैधानिक आधार न मिलने का मतलब यह नही कि लोग इस विकल्प को ट्राई नहीं करेंगे। लेवी कहते हैं कि रोबोट से शादी के अपने फायदे तो हैं ही।

नैतिक सवाल
इस भविष्यवाणी के साथ ही ढेरों सवाल भी खड़े हो गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रोबोट्स के साथ सैक्स जैसी चीजें अपराधों को जन्म देगा। कोई नहीं जानता कि रोबोट्स के साथ रिश्ते बनाने वाले असल में लोगों के साथ क्या करेंगे। आरकिन कहते हैं कि अभी इस मुद्दे पर और शोध की जानी बाकी है। लेवी जरूर कहते हैं कि रोबोट को रखने का मतलब होगा कि वैश्यावृत्ति कम हो जाएगी।

आरकिन सवाल उठाते हैं कि अगर हम रोबोट्स को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाएंगे और उनसे रिश्ते भी रखेंगे तो यह देखना जरूरी है कि हमारे सामाजिक तानेबाने का क्या होगा। किस तरह वे मानवता और सभ्यता पर असर डालेंगे। लेवी फिलहाल रोबोट्स के नैतिक इस्तेमाल पर एक पेपर लिख रहे हैं।

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