मैं तुलसी तेरे आंगन की
अधीकांश भारतीय घरों में तुलसी का पौधा देखने को जरूर मील जाएगा। कारण इसका धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसका स्वास्थ्यवर्धक महत्व भी कम नहीं है। धार्मिक महत्व यह है कि पुराणों में इसे विष्णु प्रिया नाम से विभूषित कीया गया है तो हिनदू पूजा पद्धति इसके बगैर अधूरी मानी गई है।
स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो सर्वप्रथम तुलसी के पौधे को छू कर जब हवा घर के भीतर प्रवेश करती है तो वह एंटीसेप्टिक और बीमारी रोधी गुणों से परिपूर्ण होती है। यानी घर से कीटाणुओं को भगा हवा को शुद्ध करती है। यही वजह है की 500 ई.पू. के प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी तुलसी के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है। संस्कृत भाषा में संभवत: तभी तुलसी का अर्थ होता है ‘अतुलनीय।’
औषधीय गुणों वाली तुलसी
* बुखार कम करती है।
* अल्सर से बचाती है।
* ब्लड शुगर के खतरनाक माने जाने वाले स्तर को कम करती है।
* लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार लाती है।
* मुंह की दरुगध दूर करती है।
* कीड़े-मकोड़े दूर भगाती है।
* एलर्जी और जलन में राहत देती है।
* मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डाल तनाव से जूझने में मददगार होती है।
* खाली पेट गर्म या ठंडे पानी के साथ तुलसी जूस का सेवन न सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्की
* किडनी में अगर स्टोन है तो शहद के साथ तुलसी का सत पीने से आराम मीलाता है।
* तुलसी और अदरक का जूस पेट दर्द समेत पेट के कीड़ों को मारने में भी प्रभावी है।
* सर्दी-जुकाम में भी शहद के साथ एक चम्मच तुलसी जूस लेने से राहत मीलती है।
* गुड़ के साथ तुलसी की पत्ती चबाने से पीलीया भी ठीक हो जाता है। दिमाग की ताकत को भी बढ़ाता है।
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