धोनी! सावधान..
मुंबई: अपनी पहली ही सीरीज में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से जूझने वाले भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए चुनौतियां खत्म नहीं हुई है। या यों कहिए और बढ़ गई हैं। एक पखवाड़े बाद उनकी टीम पाकिस्तान से अपने ही घर में सिरीज खेलने वाली है। पड़ोसी देश के भारत में जोरदार प्रदर्शन को देखते हुए साफ है कि वह भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया से भी बड़ा प्रतिद्वंद्वी साबित होगा।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी वन डे सिरीज अपने घर में 1983-84 में जीती थी। उसके बाद दोनों टीमों के खिलाफ यहां जो 17 मुकाबले हुए हैं उनमें पाक ने 13 मैच जीत हैं। इस दौरान भारत अपने पड़ोसी से 2 द्विपक्षीय सीरीज(1986-87 और 2004-05) हारा है। उसे नेहरू कप(1987), पेप्सी कप त्रिकोणीय सीरीज (1999), बीसीसीआई के इकलौते प्लेटिनम जुबली मैच(2004) में भी पाक से करारी मात झेलनी पड़ी थी।
हॉकी और क्रिकेट में पाक की टीम भले से ही दुनियाभर में मात खा जाएं, लेकिन जब वे भारत के दौरे पर आती हैं तो उनके इरादे कुछ और ही होते हैं। उसी का परिणाम है कि वे यहां से अक्सर जीत के ही जाती हैं। इस बार भारत के दौरे पर आने वाली पाक टीम के इरादे इससे जुदा नहीं। उनके कोच ज्यॉफ लॉसन ने तो नियुक्ति के तुरंत बाद ही घोषणा कर दी थी कि उनका लक्ष्य भारत के खिलाफ जीत दर्ज करना होगा।
इमरान और वसीम अकरम के दौर के बाद 2004-05 में भारत के दौरे पर आई इंजमाम उल हक की टीम को सबसे कमजोर माना गया था, लेकिन इसने भारत को छह वन डे सिरीज में 4-2 से मात दी थी। यह टीम सचिन-द्रविड़ और गांगुली जैसे धुरंधरों की टीम पर किस कदर हावी रही इस बात का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि उसने दो मैच 114 और 159 रन के विशाल अंतर से जीते थे।
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