मजेदार चुटकुले

* श्रीमती संता शर्मा- देखो, मेरी साड़ी कितनी खराब हो गई है। शाम को तुम्हारे दोस्त आएंगे, वे मुझे कहीं खाना बनाने वाली बाई न समझ लें।
मि. संता शर्मा बोले- चिंता मत करो, जब वे तुम्हारे हाथ का खाना खाएंगे, तो समझ जाएंगे कि तुम खाना बनाने वाली बाई तो हो ही नहीं सकतीं।
* मिसेज बंता सिंह ने पति बंता सिंह की पिटाई कर दी। मामला अदालत में गया, तो उसने रो-रो कर माफी मांग ली और जज ने भी उसे समझाइश देते हुए बग़ैर सजा के छोड़ दिया। अगले दिन पता चला कि मिसेज बंता सिंह ने फिर पति की पिटाई कर दी।
जज ने दुबारा पिटाई का कारण पूछा, तो मिसेज बंता सिंह ने बताया- घर पहुंचते ही बंता सिंह फिर मुझ से झगड़ने लगे। मैंने सब कुछ सहन कर लिया। लेकिन जब उन्होंने कहा कि जज बेवकूफ था, जिसने तुम्हें बग़ैर सजा के छोड़ दिया, तो मुझ से अदालत की तौहीन बर्दाश्त नहीं हुई और..।
* क्लब में संता लाल ने बंता खली से सहानुभूति जताते हुए कहा- मुझे यह जानकर बड़ा अफसोस हुआ कि तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त ही तुम्हारी पत्नी को ले भागा।
बंता खली बोला- हां यार, आजकल के Êामाने में अच्छे दोस्त मिलते ही कहां हैं!
* संता ज्ञानी और बंता मान अपनी-अपनी हांक रहे थे। संता ज्ञानी बोला- तुमने कभी स्वेज नहर का नाम सुना है?
बंता मान- हां। संता ज्ञानी- स्वेज नहर मेरे पिता ने ही खोदी थी।
बंता मान- तुमने कभी मृत सागर (डेड सी) का नाम सुना है?
संता ज्ञानी- हां।
बंता मान- उसे मेरे पिता ने ही मारा था।
पहला बच्च- मेरे पापा 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं और उसे विकेट के दूसरी तरफ जाकर लपक भी लेते हैं।
दूसरा बच्च- मेरे डैड गोली चलाते हैं और फिर दौड़कर लक्ष्य को इस तरह एडजस्ट कर देते हैं कि गोली ठीक बीचो-बीच लगे। संता सिंह का बेटा- यह तेजी तो कुछ भी नहीं। मेरे पापा एक सरकारी ऑफिस में काम करते हैं। हालांकि उनका काम शाम पांच बजे तक चलता रहता है, पर वे चार बजे ही घर पहुंच जाते हैं।
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