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Monday, January 7, 2008

बढ़ती लागत ने बढ़ाई आफत

इंदौर.indore बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) के पायलट कॉरिडोर की लागत बढ़ने के साथ पेचीदगियां भी बढ़ रही है। कभी एक हिस्सा एलिवेटेड बनाने की बात उठी तो कभी चौड़ाई बढ़ाने की। शुरुआत में इसकी लागत 98.70 करोड़ रुपए आंकी थी। उतने में पहली बार टेंडर नहीं आए। दूसरी बार 137.70 करोड़ रुपए में काम देना तय हुआ।

मास्टर प्लान-2021 में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक पूरा एबी रोड 60 मीटर कर दिया है जबकि पुराने मास्टर प्लान में एलआईजी तिराहे से जीपीओ तक 30 मीटर था। बदली परिस्थितियों में यह सवाल उठने लगा है कि ऐसे बदलाव होते रहे तो कॉरिडोर तय स्वरूप में बन पाएगा भी या नहीं। फिलहाल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (आईसीटीएसएल) पहले से तय योजना पर ही काम करेगी।

बढ़ी लागत कौन वहन करेगा :
नए प्लान के अनुसार चौड़ाई बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट फिर से बनेगा और लागत 30 करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है। इसकी मंजूरी जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन से फिर लेना होगी। लागत के अलावा बीच शहर में इतनी तोड़फोड़ का जिम्मा कौन लेगा? कॉरिडोर बना रहा प्राधिकरण इससे इंकार करता है क्योंकि वह एलिवेटेड कॉरिडोर की जिम्मेदारी भी ले चुका है। नगर निगम भी बीआरटीएस का रीवर साइड कॉरिडोर बना रहा है इसलिए कोई और आर्थिक बोझ उठाना नहीं चाहेगा।

यह असंभव है :
प्राधिकरण अध्यक्ष मधु वर्मा ने बताया एलआईजी तिराहे से जीपीओ तक बीआरटीएस कॉरिडोर की चौड़ाई 60 मीटर करने का मामला टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से समझना पड़ेगा। प्लान-2021 में रोड के नक्शे में चौड़ाई 60 मीटर है और लिखित बिंदु में 100 फीट। चौड़ाई वाकई 200 फीट है तो बीच शहर में इतने निर्माण नहीं हटाए जा सकते। सभी की रजिस्ट्री है और करोड़ों रुपए मुआवजा देना पड़ेगा जो संभव नहीं।

प्रोजेक्ट फिर भेजना पड़ेगा :
कलेक्टर विवेक अग्रवाल ने बताया पुराने मास्टर मास्टर प्लान में जहां सड़क 30 मीटर चौड़ी थी वहां 60 मीटर बनाना है तो सर्वे कर जेएनएनयूआरएम से स्वीकृति लेना पड़ेगी। अभी तो 30 मीटर का ही काम ठेकेदार फर्म को दिया है। इसमें तत्काल बदलाव नहीं होगा। आईसीटीएसएल के सीईओ चंद्रमौलि शुक्ल भी पहले से तय योजना पर ही काम जारी रहने की बात कह रहे हैं।

दिक्कतों का कोई ठोर नहीं :
बीआरटीएस पायलट कॉरिडोर के काम में कई परेशानियां आ रही हैं। ड्रेनेज और वाटर लाइन का नक्शा नहीं होने से काम अंदाज से चल रहा है। ठेकेदार कंपनी खुदाई करती है तो कहीं टेलीफोन केबल कटती है तो कहीं पानी की लाइन फूटती है। जून तक दो हिस्से पूरे करने का लक्ष्य तय है लेकिन काम हो जाएगा कहा नहीं जा सकता।

दूसरे छोर से भी खुदाई शुरू, अब हटेंगे अतिक्रमण :
राजीव गांधी प्रतिमास्थल से भंवरकुआं के बीच भी खुदाई सोमवार से शुरू हो गई। नगर निगम ने प्रतिमा स्थल से भंवरकुआं तक रोड के दायरे में आ रहे निर्माण हटाने के लिए चूने की लाइन डालना शुरू कर दिया है। श्री शुक्ल ने बताया चार-पांच दिन में राजीव गांधी प्रतिमा स्थल से नौलखा तक के अतिक्रमण नगर निगम की मदद से हटाएंगे। प्राधिकरण सूत्रों ने बताया नए पाइप आना शुरू हो गए हैं जो निरंजनपुर छोर से डाले जा रहे हैं। वहां सड़क भी बनाई जा रही है।

कितने अतिक्रमण :
नगर निगम ने 11.6 किलोमीटर कॉरिडोर के दायरे में आ रहे निर्माणों को हटाने के लिए पहले ही नोटिस दे दिए हैं। निरंजनपुर से विजयनगर तक का हिस्सा को अतिक्रमणमुक्त हो गया है। निगम के सिटी इंजीनियर हरभजनसिंह ने बताया मौटे तौर पर कॉरिडोर में 123 बड़े निर्माण हैं और 13 धर्मस्थल हैं। आईसीटीएसएल से राजीव गांधी प्रतिमा स्थल के छोर से अतिक्रमण हटाने का पत्र मिला है। निगमायुक्त नीरज मंडलोई से दिशानिर्देश लेकर आने वाले दिनों में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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