‘जासूस वायरस’ से बचें
पानीपत. दुनिया में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा कंप्यूटर वायरस ग्रस्त होते हैं। हजारों की संख्या में कंप्यूटर रोज हैक कर दिए जाते हैं। ऐसे कंप्यूटरों की संख्या भी सैकड़ों में है जीनसे बहुमूल्य डाटा सदा के लीए गायब हो जाता है। नए साल में ये समस्याएं और बढ़ने वाली हैं। तकनीकी ज्ञान के साथ साइबर दुनिया के विलेन हैकर भी ज्यादा ताकतवर हो गए हैं।
अगर आप सतर्क नहीं रहे तो आपको बड़ी चपत लग सकती है। कंप्यूटर विशेषज्ञ आनंद शर्मा ने बताया कि एक एंटीवायरस कंपनी के सर्वे में ये बात सामने आई है कि सिर्फ 29 प्रतिशत लोग ही अपने कंप्यूटर को लेटेस्ट सुरक्षा कवच से लैस मानते हैं। हैकर अब स्पाइवेयर और की-लागर्स जैसे ‘जासूस वायरस’ का इस्तेमाल करते हैं। जब आप नेट पर काम कर रहे होते हैं तो ये चुपचाप आकर आपके पर्सनल कंप्यूटर में बैठ जाते हैं।
स्पाइवेयर जहां आपकी फाइलों से महत्वपूर्ण जानकारियां इक्ट्ठी करके एक गुप्त फाइल बनाता जाता है, वहीं की-लागर्स आपके द्वारा टाइप किए जा रहे पासवर्ड को उसके मूल शब्द में रूपांतरित कर देता है। इसी तरह जब कभी आप दोबारा नेट पर लॉग ऑन करते हैं तो ये दोनों सॉफ्टवेयर चुपचाप एक्टिव हो जाते हैं और आपके द्वारा तैयार फाइल आपकी जानकारी के बिना ही अपने आका को मेल कर देते हैं। इन जानकारियों में आपका निजी कोड, इनटरनेट बैकिंग पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड सूचना आदि जो भी आपके कंप्यूटर में मौजूद हैं वे सब हो सकती हैं।
फायरवाल बड़ी सुरक्षा : नए आपरेटिंग सिस्टम में आजकल फायरवाल का विकल्प उपलब्ध है। यह आपके कंप्यूटर को बाहरी हमलों से बचाकर रखता है। इसके अलावा एंटीस्पाइवेयर और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से भी आपको अपना सिस्टम लैस रखना चाहिए।
जानकारी ही बचाव
इनटरनेट से डाउनलोड करने वाली फाइल का एक्सटेंसन अवश्य जांचें। किसी फाइल के अन्तीम तीन अक्षर उसका एक्सटेंशन तय करते हैं। जैसे मायफाइल.डॉक में अंतिम तीन अक्षर बताते हैं कि यह फाइल डाक्यूमेंट टाइप की है। इसी तरह अगर फाइल के अंत में .ईएक्सई हो तो यह फाइल संदेहास्पद होगी। ऐसी फाइल बहुत कम साइज की होती है। इससे सावधान रहें। कई बार हैकर छदम एक्सटेंशन का भी इस्तेमाल करते हैं जैसे मायफाइल.डॉक.ईएक्सई । इसमें भी अंतिम तीन शब्द ईएक्सई ही फाइल का एक्सटेंशन है इसलिए सावधान रहें।
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