आंखों से खुलेंगे घर के ताले!
मेलबॉर्न. आंखें यूं तो बहुत कुछ कहती हैं और अपने जादू के जलवे भी दिखाती हैं लेकिन अब जल्दी ही आंखों की मदद से घर के ताले खोलना, बैंक एकाउंट से लेन-देन करना और अपने कंप्यूटर को चालू करना भी संभव हो सकेगा।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की शोधकर्ता सामी फांग द्वारा हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार ये करीश्मे आंख की पुतली (आइरिश) स्कैनिंग तकनीक से संभव हैं। कीसी पुतली की रूपरेखा उंगलियों की छाप की तरह अद्वितीय होती है तथा उम्रभर इसमें कोई बदलाव नहीं होता। ‘साइंस डेली’ ने यह जानकारी दी।
फिर भी है समस्या:
पुतली से पहचान की प्रणाली विभिन्न नागरीक कार्र्यो में इस्तेमाल होती है। इसे सटीक नहीं माना जाता क्योंकि रोशनी में बदलाव से आंख की पुतली के आकार तथा रूपरेखा में बदलाव आ जाता है।
तो समाधान है हाजीर:
इस समस्या से नीजात पाने के लीए फांग ने एक तकनीक विकसित की है ताकी पुतली की रूपरेखा पर आस-पास की रोशनी की दशा से होने वाले असर का आकलन हो सके। उनके मुताबिक, ‘रोशनी की दशा के अनुरूप पुतली के आकार में 0.8 मिलीमीटर से 8 मिलीमीटर तक परिवर्तन हो सकता है। करीब 1200 चित्र प्रति सेकेंड की दर से चित्र खींचने वाले हाई-स्पीड कैमरे के इस्तेमाल से पुतली की सतह की गतिविधियां पकड़ना संभव है’।
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