संता रोमी जब घर आया...

* संता रोमी जब घर आया, तो उसकी नवविवाहिता पत्नी बंतानी मीतू ने बड़े प्यार से बताया कि वे जल्दी ही दो से तीन होने वाले हैं। यह खबर सुनते ही संता रोमी की खुशियों का कोई ठिकाना न रहा। उसने कहा कि तुमने मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी खबर सुनाई है। उसकी बातें सुनकर बंतानी मीतू चहकती हुई बोली- ओह तुम कितने अच्छे हो। मुझे नहीं मालूम था कि मेरी मां के आने की खबर से तुम इतने खुश हो जाओगे।
* संता बावरा बार में बैठकर बीयर पी रहा था कि उसे जोर का ‘प्राकृतिक बुलावा’ आया। वह न तो बीयर का मग लेकर जा सकता था, न छोड़कर, क्योंकि हो सकता है कि उसके आने तक कोई और नशेड़ी पी जाए। इसलिए उसने बीयर के मग के साथ एक पर्ची लगा दी- ‘इस बीयर को कोई न पिए। मैंने इसमें थूक दिया है।’ थोड़ी देर बाद जब वह वापस आया, तो उसने देखा कि साथ में एक और पर्ची लगी है- ‘मैंने भी थूक दिया है : बंता बेवड़ा।’
* संता दयाल काफी देर से माइक पर बोले जा रहे थे। आखिर घंटा भर बाद उन्होंने माइक छोड़ा। सामने की कुर्सी पर बैठा एक विदेशी अपनी बगल में बैठे बंता कुमार से बोला- आपके यहां के नेता तो बहुत लंबा भाषण देते हैं। बंता कुमार ने जवाब दिया- नेता? अरे ये तो साउंड सर्विस का कर्मचारी संता था, माइक चेक कर रहा था!
* डॉ. बंता भट्ट मरीज संता वर्मा को दिलासा दे रहे थे। चेक-वैक करने के बाद कुछ दवाएं देते हुए उससे बोले- ये दवाएं लेते रहें और हर हफ्ते बाद आकर मुझे दिखा दिया करें। पैर का दर्द धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। चिंता की कोई बात नहीं।
संता वर्मा- डॉक्टर साहब, अगर दर्द आपकी टांग में होता, तो मेरे लिए भी चिंता की कोई बात न होती।
इंस्पेक्टर संता बोले- आवारा नहीं पुलिस का कुत्ता है।
बंता गोयल- पुलिस का? पर लगता तो नहीं है।
इंस्पेक्टर संता- कैसे लगेगा, यह गुप्तचर विभाग में जो है।
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