एटीएम से लोन देगा एलआईसी
भोपाल. भारतीय जीवन बीमा नीगम अपने बीमाधारकों को एटीएम कार्ड से लोन देगा। यह सुवीधा आगामी वित्तीय वर्ष से मिलने लगेगी। इससे वे चौबीस घंटे में जब चाहें एटीएम से लोन की राशि का आहरण कर सकेंगे। एलआईसी देशभर में अपने 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को ये सुविधा मुहैया कराने जा रहा है। निगम की यह सुविधा फिलहाल यूटीआई और कापरेरेशन बैंक में खाता धारक ही ले सकेंगे। इसके लिए वह भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य सहयोगी बैंकों से भी चर्चा कर रहा है, जीससे उन्हें सीधे एटीएम से लोन मील सके।
बहुउद्देश्यीय होगा क्रेडिट कार्ड: एटीएम से लोन देने की सुविधा के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करेगा, जो बहुउद्देशीय होगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार क्रेडिट कार्ड में बीमा धारक का पॉलिसी नंबर, नाम, पता, कितने की पॉलिसी है, पॉलिसी की अवधि संबंधी जानकारी होगी। क्रेडिट कार्ड/एटीएम पर जाकर अपना कार्ड डालेंगे, उनसे स्क्रीन पर पॉलिसी नंबर और सीक्रेट नंबर पूछा जाएगा और चंद सेकंड में लोन की राशि हाथों में आ जाएगी। इस दौरान एटीएम से कितनी राशि निकाली जा सकेगी, इसके लिए नीयम बनाए जा रहे हैं।
दो करोड़ बीमाधारकों के बनेंगे कार्ड: भारतीय जीवन बीमा निगम के देशभर में 20 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी धारक हैं, जिनमें मध्यप्रदेश में इनकी संख्या दो करोड़ के लगभग है। इन ग्राहकों के चरणबद्ध तरीके में एटीएम बनाए जाना है।
यहां बनेंगे क्रेडिट कार्ड: भारतीय जीवन बीमा निगम मध्य क्षेत्र के तहत मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में सात संभाग हैं। इनके क्षेत्रीय कार्यालय क्रमश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रायपुर, जबलपुर, सतना और शहडोल में हैं। इन कार्यालयों में बीमा धारकों के क्रेडिट कार्ड बनाए जाने का काम शुरु कीया जाना है।
तीन साल बाद निकाल पाएंगे लोन
पॉलिसी धारक पॉलिसी लेने के तीन साल बाद ही लोन निकाल पाएंगे, उन्हें बीच में यह सुविधा नहीं मिलेगी। पॉलिसी धारक के लिए जो क्रेडिट कार्ड जारी होगा, उसमें मिलने वाली लोन और अन्य लाभांश जो समय-समय पर मिलते हैं, वे सभी जुड़ जाएंगे। जिसे बीमा धारक नीकाल सकेंगे।
* भारतीय जीवन बीमा निगम पॉलिसी धारकों को आगामी वित्तीय वर्ष में क्रेडिट कार्ड कम एटीएम से लोन देने की सुविधा देने जा रहा है। इसके लिए बैंकों से चर्चा की जा रही है।
एसएस नाडकर्णी, वरिष्ठ मंडल प्रबंधक, भोपाल
फिलहाल यूटीआई और कापरेरेशन बैंक में खाता धारक ही ले सकेंगे लाभ , स्टेट बैंक समेत अन्य सहयोगी बैंकों के साथ अभी चल रही है चर्चा।
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