ये है जंगल राह
इंदौर. वन विभाग की इंदौर रेंज के कई गांव में मई अंत में एक सप्ताह में ही लाखों रुपए की सड़कें कागजों पर बन गईं लेकिन गांव वालों को नहीं दिखीं। लगभग नौ लाख रुपए विभिन्न वन समितियों के खाते से निकले और काम ढाई लाख के भी नहीं हुए। सड़क बनाने का मकसद था वन समिति सदस्यों व वनकर्मियों के लिए सुविधा जुटाना।
इन गांवों में बनना थी सड़कें :
डबल चौकी सबरेंज- गढ़ी, जनकपुर, भड़किया, बंजारी, भूरीघाटी व खंडेल
तिल्लौर सबरेंज- खाचरौद, तिंछा, चिखली व तिल्लौर
कम्पेल सबरेंज- पिल्दा, नयापुरा, घुडिया
सभी जगह एक से तीन किलोमीटर सड़क मुरम-गिट्टी से बनना बताया गया। दरअसल वनकर्मियों ने पुरानी या किसी अन्य विभाग द्वारा बनाई सड़कों को ही बनाना बताया और भुगतान ले लिया।
डबल चौकी से उठा मामला :
डबल चौकी सबरेंज के गांव वालों को जानकारी मिली तो आला अधिकारियों को शिकायत की। तब सहायक वन संरक्षक के.एल. लोदवाल को जांच सौंपी। वे तीन महीने से जांच ही कर रहे हैं। धीमी चाल के बारे में उन्होंने बताया दो बार रेंजर आर.एन. सक्सेना और डिप्टी रेंजर आफताब खान को बयान के लिए पत्र भेज चुका हूं, आते ही नहीं। दिसंबर के पहले सप्ताह में अंतिम बार तारीख दूंगा। नहीं आए तो रिपोर्ट जमा कर दूंगा।
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